पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 32.pdf/४०४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३७६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

हूँ, क्योंकि मैं स्वयं त्रुटियोंसे भरा हुआ हूँ। आपसे अनुरोध करता हूँ कि आप दुर्बलता न आने दें।

[ गुजरातीसे ]

साबरमती, खण्ड-५, अंक-३, १९२६

९१- पत्र : ब्रजकृष्ण चाँदीवालाको

सोमवार [ २९ नवम्बर, १९२६]
 

चि० ब्रजकिसन,

मीरां बहन दिल्ली शुक्रवारके रोज १०-११ बजे पहोंच जायगी विद्यावतीजीके गुरुकुलमें ठहरेगी हिंदी सीखनेकी मतलबसे आ रही है स्टेशन पर जाना और उनको दरियागंज ले जाना ।

आवश्यक सहाय देना. उमीद तो है कि गुरुकुलसे कोई तो आ जायेंगे. वर्धा आनेका दिल है तो आना.

बापूके आशीर्वाद
 

मूल पत्र (जी० एन० २३५३) की फोटो-नकलसे ।

आश्रम,
 

९२. पत्र : पुरुषोत्तमदास ठाकुरदासको

सोमवार [२९ नवम्बर, १९२६]
 

भाईश्री पुरुषोत्तमदास,

जो काम कोई नहीं कर सका वह काम आप कर रहे हैं। अपने वचनके अनुसार मैंने इसी महीने करेन्सीका अध्ययन शुरू कर दिया है। गत सप्ताह मैंने शाही आयोगकी रिपोर्ट पढ़ना समाप्त किया। आपकी टिप्पणी पढ़कर मुझे बहुत

१. शुक्रवार, ३ दिसम्बर, १९२६ को मीराबहन दिल्लीमें थीं; देखिए "पत्र: मोरावहनको", ३-१२- १९२६ । इससे पहले सोमवार २९ नवम्बरको था।

२. गांधीजी ३ दिसम्बर, १९२६ को अहमदाबादसे वर्षा के लिए रवाना हुए जहाँ वे २० दिसम्बर १९२६ तक रहे।

३. देखिए खण्ड ३१, पृष्ठ ३८१ ।

४. भारतीय मुद्रासे सम्बन्धित सवालोंका अध्ययन करने और उपयुक्त सुझाव देनेके लिए इस शादी आयोग (रायल कमिशन) की घोषणा वाइसरायने २० अगस्त, १९२६ को की थी। हिल्टन पंग इस आयोगके अध्यक्ष थे। आयोगने रुपयेको विनिमय दर स्वर्ण १ शि० ६ ० तय करने और एक केन्द्रीय बैंक स्थापित करनेका सुझाव दिया था। पुरुषोतमदास ठाकुरदास इस आयोगके एक सदस्य थे और उन्होंने रिपोर्टमें इन दो मुद्दोंपर अपना मतभेद प्रकट किया था।