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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

करना चाहते हैं। औरतोंकी सूत कातनेके श्रमसे होनेवाली कमाई अगर मर्द शराबमें उड़ाते रहे तो चरखा भी उनकी कुछ सहायता नहीं कर सकेगा ।

[ अंग्रेजीसे ]

यंग इंडिया, २-१२-१९२६

९५. टिप्पणियाँ

मुद्रा

पिछले कई बरसोंसे मित्र लोग मुझसे मुद्रा प्रश्नका अध्ययन करनेका आग्रह करते आ रहे हैं; किन्तु मैंने अभीतक तो उनकी बात नहीं मानी है। इसका कारण यह नहीं है कि जिन अति महत्त्वपूर्ण प्रश्नोंकी ओर जनताका ध्यान खिंच रहा है उनमें से मुद्रा प्रश्न एक नहीं है, बल्कि इसका कारण यह है कि मेरे पास बहुत ज्यादा काम है और फिर मैं इस शास्त्रके बारेमें कुछ नहीं जानता। मुझे जिन विषयोंका सन्तोषजनक ज्ञान नहीं होता, मैं उनके सम्बन्धमें न कभी बोलता हूँ और न कभी लिखता हूँ। किन्तु अब इस आग्रहको अधिक टालना सम्भव नहीं है । मित्रोंका कहना है कि मुझे इस विषयके अध्ययनको लोकप्रिय बनाना चाहिए और इस महत्त्वपूर्ण मामलेमें जनसाधारणको शिक्षित करनेके लिए अपने प्रभावका पूरा उपयोग करना चाहिए। इस दिशामें उन-जैसा उत्साह मुझमें नहीं है। मुद्राके बहुत ही उलझे हुए मसले जन-साधारणको समझाये जा सकते हैं या नहीं, मुझे इसीका निश्चय नहीं है। किन्तु उन्होंने एक महत्त्वपूर्ण बात कही है और मैं उसकी उपेक्षा नहीं कर सकता । उनका कहना है कि यदि सरकारकी वर्तमान मुद्रा-नीति पूरी तरह कार्यान्वित हो गई तो उससे भारतके करोड़ों मूक लोगोंपर भारी दबाव पड़ेगा। वे इस दबाबको बरदाश्त नहीं कर सकेंगे। इसलिए मैंने इस प्रश्नके अध्ययनका वचन दिया है और उसपर विचार करनेके लिए 'यंग इंडिया' के स्तम्भ खोल दिये हैं। यदि सम्भव हुआ तो उसके सम्बन्ध में अपना मत देनेकी बात भी मैंने मान ली है। अपने इस वचन की पूर्तिकी दृष्टिसे में अन्यत्र एक लेख छाप रहा हूँ । लेख प्रो० पी० ए० वाडियाकी लेखमालामें से पहला है। मैंने शाही आयोगकी रिपोर्टको भी अभी-अभी पढ़कर समाप्त किया है । मेरी समझमें मैं चरखेके अर्थशास्त्रपर लिखी पुस्तकको जैसी आसानीसे समझ लेता हूँ वैसे इस शास्त्रको नहीं समझता। मैं ऐसे गुरुकी खोजमें हूँ जो मुद्राकी भाषाको भी मेरे निकट वैसी ही सुबोध बना दे जैसी मेरे लिए चरखेकी भाषा है। मैं इस समस्याके सम्बन्ध में अपना मत तभी प्रकट कर सकूँगा; उससे पहले नहीं । तबतक यह वचन अवश्य देता हूँ कि मैं इस विषयका अध्ययन करनेके लिए अपने समस्त बचे हुए समयका उपयोग करूँगा ।

आवारा कुत्ते और गाँवके कुत्ते

एक मित्र पूछते हैं कि आवारा कुत्तों को मार डालनेकी मेरी सलाहमें क्या परमोपयोगी ग्रामीण कुत्तोंको मारनेकी बात भी शामिल है ? हरगिज नहीं। में इस