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९९. पत्र : बहरामजी खम्बाताको

वर्धा
 
५ दिसम्बर, १९२६
 

भाईश्री ५ खम्बाता,

तुम्हारा पत्र मिला । तुम्हारे आनेसे मैं तो बहुत प्रसन्न हुआ । और भी आना । देहके प्रति तुम्हारा मोह ज्यों-ज्यों कम होगा त्यों-त्यों तुम्हें शान्तिका अनुभव होगा । उस तेलका नाम मेरे हाथ अभी नहीं आया है । उसे खोज निकालूंगा ।

बापूके आशीर्वाद
 

भाईश्री ५ बहरामजी खम्बाता

२७५, हार्नबी रोड

कोट, बम्बई

गुजराती पत्र (सी० डब्ल्यू० ४३६७) की फोटो- नकलसे । सौजन्य : तहमीना खम्बाता

१००. तार : छगनलाल गांधीको

६ दिसम्बर, १९२६
 

छगनलाल गांधी

आश्रम, साबरमती

अमेरिकी मित्रोंका स्वागत है ।

बापू
 

अंग्रेजी तार (एस० एन० ११२४९) से ।