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पत्र : विधानचन्द्र रायको

अपने आगामी गुरुकुलके दौरेका मुझे ध्यान है। उसके लिए तो मैं स्वयं भी बहुत उत्सुक हूँ, लेकिन आप मेरे १३ दिन वहाँ रुकनेकी आशा नहीं करेंगे। क्या वही समय कुम्भ मेलेका भी है ?

लघु-लेख मिल गया है।

हृदयसे आपका,
 

श्रीयुत रामदेवजी

गुरुकुल विश्वविद्यालय

डा० खा० गुरुकुल कांगड़ी

(बिजनौर) संयुक्त प्रान्त

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १९७५८) की माइक्रोफिल्मसे ।

१२४. पत्र : विधानचन्द्र रायको

[पत्रोत्तरका पता : ]
 
आश्रम, साबरमती
 
९ दिसम्बर, १९२६
 

प्रिय मित्र,

मोतीलालजी तथा अन्य मित्रोंसे मेरा जो पत्र-व्यवहार चल रहा है, उसे दृष्टिमें रखते हुए मैंने जानबूझकर आपके तारका जवाब मुल्तवी रखा है। गौहाटी जानेके बारेमें मैं अभीतक कुछ तय नहीं कर पाया हूँ। मोतीलालजीने मुझे अभी-अभी एक आदेशात्मक तार भेजा है; लेकिन मैंने उन्हें जो पत्र लिखा है, उसके सुवि चारित जवाबकी मैं प्रतीक्षा कर रहा हूँ। यदि में किसी हालतमें गौहाटी जाता भी हूँ, तो वहाँ जाते समय रास्ते में असम मेलके छूटनेतक केवल कुछ घंटे कलकत्ता रहूँगा। इसलिए मैं आपको अभी कोई निश्चित जवाब नहीं दे सकता ।

मुझे आशा है कि अस्पताल तरक्की कर रहा होगा ।

हृदयसे आपका,
 

डा० विधान राय

चितरंजन हस्पताल

रसा रोड

कलकत्ता

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १९७५९) की माइक्रोफिल्मसे।