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पत्र : एच० सी० हलको

सामर्थ्य में विश्वास करते हैं? क्या आप जानते हैं कि मैंने खादीके लिये अपना सब कुछ दाँवपर लगा दिया है। मेरी प्रस्थापना यह है कि आप जिस हदतक खादीको बढ़ाते हैं, ठीक उसी हदतक देशके राजनैतिक जीवनको भी आगे बढ़ाते हैं; उससे तनिक भी ज्यादा नहीं। जिस क्षण मैं इस सत्यको लोगोंके मनमें बैठा सकूँगा, उसी क्षण हम प्रगतिके पथपर आगे बढ़ चलेंगे।

हृदयसे आपका,
 

डा० एन० एस० हार्डीकर

हुबली

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १९७६३) की माइक्रोफिल्मसे।

१२७. पत्र : एच० सी० हलको

[ पत्रोत्तरका पता : ]
 
आश्रम, साबरमती
 
९ दिसम्बर, १९२६
 

प्रिय मित्र,

आपका कृपापत्र' मिला । अमेरिका आनेके लिए आपकी ओरसे मुझे मिलने- वाला यह चौथा निमन्त्रण है। जाने क्यों कुछ ऐसा है कि अभी फिलहाल मुझे अपने अन्तरमें इसकी प्रेरणा नहीं मिलती। यदि केवल इच्छाके इशारेपर चलनेकी बात हो तब तो मुझे आपके निमन्त्रणपर तत्काल चला आना चाहिए। लेकिन मेरे भीतर कोई चीज मुझे यह बताती है कि यदि में अपने विचारोंपर यहीं रहकर अमल करूँ, फिर भले ही वह कितना ही अपूर्ण क्यों न हो, तो इस अमलके द्वारा जितने प्रभावशाली ढंगसे में अपना सन्देश दे पाऊँगा उतने प्रभावशाली ढंगसे अमेरिका जाकर नहीं दे सकता ।

हृदयसे आपका,
 

हन्ना क्लोदियर हल

नेशनल चेयरमैन

५०४, वालनट लेन

स्वार्दमोर, पेनसिलवानिया,

यू० एस० ए०

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १९७६४) की फोटो-नकलसे ।

१. ६ नवम्बरको हलने अपने पत्रमें गांधीजीको लिखा था कि विमेन्स इन्टरनेशनल लीग फॉर पीस ऐंड फ्रीडम उनकी अमेरिका यात्राका हृदयसे स्वागत करेगी और यह भी लिखा था कि "हम समझते हैं कि आपका शान्ति और सद्भावनाका सन्देश हर जगहके लोगोंके लिए है और यदि स्वयं आकर आप यह सन्देश अपने मुखसे देंगे तो पूरे आन्दोलनको बड़ी मदद मिलेगी" ( एस० एन० १०८३७)।