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१५०. दक्षिण आफ्रिकाकी स्थिति

प्रिटोरियासे श्री एन्ड्रयूजने निम्न तार दिया है :

डच चर्चने प्रार्थना दिवसका समर्थन किया है। हर्टजोग १७ तारीखको प्रतिनिधि- मण्डलसे मिलेंगे। फिर अवकाश लेंगे। पहली बैठक २० तारीखको है।

इस मुश्किल मसलेके न्याययुक्त हलके लिए उपयुक्त वायुमण्डल तैयार करनेकी दिशामें, डच लोगोंके रिफॉर्ड चर्चका उक्त समर्थन एक बड़ी बात है। दक्षिण आफ्रिकामें डच चर्च एक बड़ी ही रूढ़िवादी संस्था है। हिन्दुस्तानियोंके सवाल, या दक्षिण आफ्रिकामें जिसे रंगका सवाल कहते हैं, उसके विषय में उनका दृष्टिकोण शायद ही कभी उदार रहा हो । १७ तारीखको जनरल हर्टजोग द्वारा प्रतिनिधियोंका किया जानेवाला यह स्वागत, सम्मेलन और सम्मेलन जिन विषयोंपर विचार करेगा, उन विषयोंके जबर्दस्त महत्त्वको स्वीकार करनेकी दिशामें पहला कदम है।

मुझे आशा है कि इस घुनके पक्के अंग्रेज, एन्ड्रयूज को इस महान् काममें हिन्दुस्तानी जनता पूरे दिलसे मदद देगी। कोई कहना चाहे तो हल्के भावसे कह सकता है कि प्रार्थना करनेमें तो कुछ खर्च होता नहीं, और प्रेसवाले छाप देंगे कि प्रतिनिधिमण्डलकी सफलताके लिए फलाँ-फलाँ जगहपर प्रार्थना की गई। मगर सच- मुच श्री एन्ड्रयूजने हमसे जो कुछ करने को कहा है वह सर्वाधिक कठिन काम है । अपना धन कोई खुशीसे या नाखुशीसे या दिखावेके लिए भी दे सकता है। किसी भी बातसे हम मौखिक सहमति प्रकट कर सकते हैं। मगर हार्दिक सहयोग तो अनि- च्छापूर्वक या दिखावेके लिए हो ही नहीं सकता। और श्री एन्ड्रयूज हमसे हार्दिक सहयोग मांगते हैं; क्योंकि हृदयकी तीव्र भावना ही प्रार्थना है। हम अपने भाव मुखसे प्रकट कर सकते हैं, अपने खास कमरेमें या सर्वसाधारणके आगे भी प्रकट कर सकते हैं, मगर भावना सच्ची है तो उसे हमारे हृदयके भीतरसे निकलना चाहिए । इसलिए जिनसे हो सके, यानी जिन्हें दक्षिण आफ्रिकाके हिन्दुस्तानियोंके आन्दोलनमें विश्वास है, ईश्वरमें विश्वास है, और इसलिए प्रार्थनामें भी विश्वास है, वे १९ तारीखको दक्षिण आफ्रिकाके प्रवासी भारतीयोंसे हार्दिक सहयोग करनेके लिए कुछ समय निकालें और सम्मेलनकी कार्यवाहीकी सफलताके लिए ईश्वरका आशीर्वाद माँगें ।

अगर आज भी हिन्दुस्तानमें कोई है जो यह न जानता हो कि दक्षिण आफ्रिकामें हिन्दुस्तानियोंका आन्दोलन किसलिए है तो वह जान ले कि दक्षिण आफ्रिकामें हिन्दुस्तानियोंकी हस्ती ही खतरेमें पड़ी हुई है। खासतौरसे जानने योग्य बात यह है कि वह एशियाई विधेयक जो दक्षिण आफ्रिका-संघ संसदकी पिछली बैठकमें स्थगित कर दिया गया था, और जो इस सम्मेलनका एक विचारणीय विषय होगा, इस

१. भारतीय प्रतिनिधिमण्डलके सदस्य, जो दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंकी समस्याओंपर दक्षिण आफ्रिकी सरकारसे बात करनेके लिए दक्षिण आफ्रिका जा रहे थे।