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२१७. भाषण : कोमिल्लाकी सार्वजनिक सभामें'

५ जनवरी, १९२७
 

आपने हिन्दी में बोलनेकी अनुमति देकर मुझपर बहुत कृपा की है। आपके सम्मुख दो शब्द अंग्रेजीमें भी कह देना चाहता हूँ, किसी और कारणसे नहीं तो इस कारणसे कि मैं आपकी कृपाके लिए आपके प्रति कृतज्ञता प्रकट करना चाहता हूँ। मुझे जब कभी अपने देशवासियोंकी सभामें अंग्रेजीमें बोलनेके लिए बाध्य होना पड़ता है तभी में अपमान और लज्जाका अनुभव करता हूँ। मैंने बंगालियोंकी सभाओंमें बंगालियोंसे अनेक बार अनुरोध किया है कि वे मेरी वफादारीको बेजा कसौटीपर न कसें, स्वयं भारतमातापर अनुचित भार न डालें। विन्ध्य पर्वतमालाके उत्तरमें रहनेवाले भारतीयोंके लिए एक महीनेमें हिन्दी सीख लेना बहुत ही सुगम है। आप इस दिशामें प्रयत्न करके देखिए और तब मुझे बताइए कि जो-कुछ मैं कहता हूँ वह सच है या नहीं। हमें यह नहीं कहना चाहिए कि हमारी मातृभाषा केवल बंगला, गुजराती या पंजाबी है। ये प्रान्तीय भाषाएँ हैं। जब हम वन्देमातरम् गीत गाते हैं तब वह भारत माताको या समस्त भारतको निवेदित किया जाता है । जब बंकिमने इस भावपूर्ण गीतको लिखा था तब उन्होंने उसमें "सप्तकोटि भुजै" कहा था । किन्तु आपने और अन्य लोगोंने सोच-विचारकर उसके स्थान में "द्वित्रिंशत्कोटि भुजै" कहा और यह उचित भी था। आपका "द्वित्रिंशत्कोटि भुजै" कहना उचित और शोभास्पद है, और समस्त भारतका उस सुन्दर गीतको स्वीकार करना भी उचित और शोभास्पद है। तब क्या हम उसके अनुसार आचरण न करेंगे और सम्पूर्ण हृदयसे उस गीतको गाते हुए यह नहीं कहेंगे कि हम सब केवल बंगालकी नहीं, बल्कि भारतमाताकी सन्तान हैं ? इसलिए मैं आपसे कहता हूँ कि मैं जब अगली बार यहाँ आऊँ या आप जब मुझे अगली बार यहाँ बुलायें, आप मुझसे हिन्दीमें ही भाषण करनेका आग्रह करें। यह तो हुई एक बात ।

हमने कांग्रेसका पिछला अधिवेशन देख लिया है। हमारे नेताओंने ब्रह्मपुत्रके पुनीत तटपर उन सुन्दर हरे-भरे पेड़-पौधों और दृश्योंके बीचमें, जिनकी सुन्दरताकी उपमा संसारमें शायद ही मिले, परस्पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने विधान परिषदोंके सम्बन्ध में एक कार्यक्रम तैयार किया है। किन्तु ऐसे लोग हममें से कितने हैं जो उस कार्यक्रमके अमलमें प्रत्यक्ष भाग ले सकते हैं? हममें से कितने लोग विधान परिषदोंमें और विधान सभा में जा सकते हैं? हममें से कितने लोग इन विधायक संस्थाओंके सदस्योंके चुनावों में मत दे सकते हैं? क्या भारतके करोड़ों ग्रामीणोंको मत देनेका अधिकार दे दिया गया है ? भारत इन १०-२० बड़े-बड़े नगरोंमें ही रहता है या ७ लाख गाँवों में रहता है ? तब ऐसा कार्यक्रम कौन-सा है जो इस १,९०० मील लम्बे और १,५०० मील

१. सभा महेश-प्रांगण में हुई थी।