आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग कौंसिलोंमें प्रवेश करते हैं, वे अपने देशवासियोंकी भलाई करनेको सच्ची भावनासे वैसा करते हैं, और वे कुछ अच्छा काम कर भी सकते हैं। लेकिन मैं पूछता हूँ कि कितने लोग कौंसिलोंमें जा सकते हैं और कितने लोगोंको मतदानका अधिकार है ? ६० लाख मतदाता ही तो समूचा भारत नहीं है; मेरा उद्देश्य तो ३० करोड़ भारतीयोंको ऊपर उठाना है। मेरा विश्वास है कि खद्दर शायद अमीर और गरीब लोगोंको जोड़नेवाली कड़ीका काम कर सकता है; चरखा भारतकी पूरी जनतामें एकता और सद्भावना पैदा कर सकता है। उन्होंने फिर एक बार लोगोंसे अपील की कि वे अखिल भारतीय चरखा-संघके लिए चन्दा दें और ईश्वरसे प्रार्थना की कि वह कर्तव्यपालनमें लोगों की मदद करे।
[ अंग्रेजीसे ]
सर्चलाइट, २१-१-१९२७
२४८. विचार: दर्शक पुस्तिकामें
इस पुस्तकालय देखकर मुझको बहो (त) आनंद हुआ । दानीको मैं धन्यवाद देता हुआ पुस्तकालयकी उन्नति चाहता हूं ।
मूल प्रति (जी० एन० २५०९) की फोटो-नकलसे ।
२४९. तार : मणिबहन पटेलको
तुम्हारे पत्रसे आनन्द हुआ । पींजना और लोढ़ना जल्दी पूरी तरह सीख लो ।
[ गुजरातीसे ]
बापुना पत्रो: मणिबहेन पटेलने
१. सभा समाप्त होनेपर गांधीजीको २५०१ रु० को एक थैली भेंट की गई।
२. इस वर्ष पौष शुक्ल १२ क्षय तिथि थी। गांधीजी १५ जनवरी, १९२७ को गयामें थे, जिसके अनुसार तिथि पौष शुक्ल १३ होती है।
३. गयाका मुन्नालाल पुस्तकालय ।