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२५०. भाषण : गयाकी एक सभामें'

१५ जनवरी, १९२७
 

हिन्दी में बोलते हुए महात्माजीने इस बातपर खेद प्रकट किया कि नगरपालिकाने उन्हें जो मानपत्र दिया वह अंग्रेजीमें था। उन्होंने कहा, जब भी मुझे मौका मिलता है मैं लोगोंसे बराबर आग्रह करता हूँ कि वे या तो अपने प्रान्तकी भाषामें, अन्यथा भारतकी राष्ट्रभाषा अर्थात् हिन्दीमें मुझे मानपत्र दें। मुझे अंग्रेजी भाषासे कोई दुश्मनी नहीं है; मैं कुछ विशेष अवसरोंपर उसका प्रयोग करता हूँ, लेकिन अपने ही आदमीसे कुछ कहनके लिए अंग्रेजोका प्रयोग करना अवांछनीय है। मैं नगरपालिकासे अनुरोध करता हूँ कि मुझे ही नहीं किसी भी अन्य भारतीय नेताको जब आप कोई मानपत्र दें तो हिन्दीका ही प्रयोग करें।

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, हिन्दुओंके लिए गया सचमुच एक पवित्र स्थान है, एक तीर्थ-स्थान है। लेकिन जिस नगरमें देशके सभी हिस्सोंसे लोगोंका आना होता है उस नगरकी सड़कोंकी शोचनीय दशा देखकर मुझे दुःख होता है। आज सुबह मुझे गयाकी कुछ सड़कोंको देखने का मौका मिला। गन्दगीमें इन सड़कोंने अह- मदाबादकी सड़कों को भी मात दे दी है, हालाँकि अहमदाबाद एक पुराना शहर है, वहाँ गरीब लोग बड़ी तादाद में रहते हैं, और शायद वहाँकी नगरपालिकाके पास इसी बातका बहाना है। मुझे यह कहते हुए दुःख होता है कि भारतके किसी भी हिस्सेमें मैंने इतनी गन्दी सड़कें नहीं देखीं। गया सारे भारतका आकर्षण-स्थल है, इसलिए यहाँकी नगरपालिकाको तो एक आदर्श नगरपालिका होना चाहिए था, लेकिन मुझे इस मामले- में निराशा ही हुई है। इस महान् नगरकी दशाको सुधारने के लिए नगरपालिकाके सदस्योंको जी-जानसे लग जाना चाहिए। लेकिन यह सुधार किस प्रकार सम्भव है ? सुधार करनेके लिए सदस्योंको स्वयं काम करना चाहिए। जमादार और मेहतरोंपर भरोसा करनेसे ही काम नहीं चलेगा। मैं तो कहूँगा कि नगरपालिकाके अध्यक्ष और सदस्य हाथोंमें झाड़ू और बाल्टियोंमें पानी लेकर निकल पड़ें और नगरकी सड़कों और टट्टियोंको साफ कर डालें। किसी देशके विकासमें नगरोंका काफी महत्त्व होता है। राजनीतिक दासतासे मुक्ति पानेके लिए यह निहायत जरूरी है कि देशके लोगोंमें नागरिक उत्तरदायित्वोंका विकास हो । देशमें और भी बहुत-सी नगरपालिकाएँ हैं जिनमें खराब प्रशासनका दोष है। लेकिन गयाका जो अनोखा महत्त्व है, उसे देखते हुए यह जरूरी है कि यहाँका प्रशासन ऐसे दोषोंसे मुक्त रहे। सड़कोंपर झाड़ लगानेमें शर्मकी कोई बात नहीं है; मैंने खुद कई स्थानोंपर झाड़ लगाई है; यहाँ बिहारमें


१. सभामें गांधीजीको नगरपालिका और जिला बोर्डकी ओरसे मानपत्र भेंट किये गये।