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भाषण : रमनाकी सार्वजनिक सभामें

बच्चों में कताईको लोकप्रिय नहीं बनाया जा सका है; लेकिन इसपर मुझे कोई आश्चर्य नहीं है, क्योंकि मैं बच्चोंका स्वभाव जानता हूँ। बच्चे नियमित रूपसे कताई करें, इसके लिए आवश्यक है कि शिक्षकगण स्वयं कताई करें। शिक्षकोंका उदाहरण देखकर हो सकता है कि बच्चे खेलकी चीज मानकर चरखेसे चिपट जायें, और खेल-खेलमें ही अद्भुत फल निकल सके। महात्माजीने लोगोंको पुराने जमानेमें भारतीय कपड़ा उद्योगकी याद दिलाते हुए कहा कि आप उन पुराने दिनोंको फिर वापस लानेका भरसक प्रयत्न करें।

[ अंग्रेजीसे ]

सर्चलाइट, २१-१-१९२७

२५१. भाषण : रमनाकी सार्वजनिक सभामें'

१५ जनवरी, १९२७
 

उन्होंने कहा कि नगरपालिकाके अध्यक्ष और हिन्दू सभाके अध्यक्षने भी मुझे इस बातकी याद दिलाई है कि गया एक पवित्र तीर्थ-स्थान है जो भगवान बुद्धके संसर्ग से पुनीत है। लेकिन मुझे यह देखकर दुःख होता है कि गयाके शौचालयोंकी इतनी बुरी हालत है और यहाँकी जैसी गन्दी सड़कें तो मैंने जीवनमें कभी नहीं देखीं। उन्होंने कहा कि मैंने नगरपालिकाके सदस्योंको उनके कर्त्तव्यका ध्यान दिलाया है, लेकिन यदि लोगोंमें उत्तरदायित्वको भावना पर्याप्त रूपसे नहीं आ जाती तो नगर- पालिकाके लिए अपना कर्त्तव्य निभा सकना असम्भव है। जहाँ [शहरी] जनता जाग्रत है, वहाँ नगरपालिकाके सदस्य अपने कर्त्तव्यकी उपेक्षा नहीं कर सकते, क्योंकि यह तो लोगोंके खुद अपने हाथकी बात है कि उन सदस्योंके स्थानपर वे नये और बेहतर सदस्य ले आयें। मैंने नगरपालिकाके सदस्योंको सड़कें साफ करने, झाड़ लगाने की सलाह दी है। और में सभी लोगोंक उनके इस काममें सहयोग देने की सलाह दूंगा। सड़कोंको साफ रखना नागरिकोंका भी उतना ही कर्त्तव्य है जितना झाड़ लगानेवालोंका। यदि नाग- रिक हृदयसे उनका सहयोग नहीं करते तो सफाई करनेवाले अपना कर्त्तव्य नहीं निभा सकते हैं ।

हिन्दू सभाके अभिनन्दनपत्रको चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे इस बात- की खुशी है कि सभा हिन्दुओंको कायरतासे मुक्त करनेका प्रयत्न कर रही है। लेकिन मैंने देखा है कि केवल हिन्दू ही कायर नहीं हैं। कायरता तो सभी भारतीयोंकी विशेषता बन गई है। यदि वे इस दोषसे मुक्त हो सकें तो दुनियाकी कोई भी ताकत उन्हें आगे बढ़नेसे रोक नहीं सकती।

१. इस सभामें, जिसमें लगभग १०,००० लोग उपस्थित थे, गांधीजीको स्थानीय हिन्दू सभाने एक अभिनन्दनपत्र भेंट किया था।