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‘हैंड स्पिनिंग एण्ड हैंड वीविंग’ की भूमिका
[ पुनश्च :]

अंग्रेजी पत्र वापस भेज रहा हूँ।

गुजराती पत्र ( जी० एन० ५७२१) की फोटो नकलसे।

३९. तार : माधोजी, मण्डल-मंत्री, नीमखारको[१]

[ १५ नवम्बर, १९२६ या उसके पश्चात् ]

मुझे दखल नहीं देना चाहिए।

गांधी

अंग्रेजी तार (सी० डब्ल्यू० ४९६४ बी०) से।

सौजन्य : परशुराम मेहरोत्रा

४०. ‘हैंड स्पिनिंग एण्ड हैंड वीविंग' की भूमिका

साबरमती
१६ नवम्बर, १९२६

लोगोंको स्मरण होगा कि पिछले सालके शुरूमें राष्ट्रीय कांग्रेसके संयुक्त कोषाध्यक्ष श्रीयुत रेवाशंकर जगजीवन मेहताने कताईपर लिखे सबसे अच्छे प्रबन्धके लिए १००० रुपयेके पुरस्कारकी घोषणा की थी। श्रीयुत अम्बालाल साराभाई, शंकरलाल बैंकर, मगनलाल गांधी और मुझे निर्णायक नियुक्त किया गया था। इसके अलावा ६८ और प्रबन्ध प्राप्त हुए थे। काफी विचार-विमर्शके बाद निर्णायकोंने प्रोफेसर एस० वी० पुणताम्बेकर, जो इस समय बनारस हिन्दू विश्वविद्यालयमें हैं, और श्रीयुत एन० एस० वरदाचारीके बीच पुरस्कार बराबर-बराबर बाँट देनेका निर्णय किया। जो प्रबन्ध अब जनताके सामने प्रस्तुत किया जा रहा है इन दोनों पुरस्कार विजेताओंके सम्मिलित प्रयत्नका परिणाम है, जिनसे अपने निबन्धोंको एक संयुक्त प्रबन्ध बना देनेका अनुरोध किया गया था। यह कह सकना कठिन है कि प्रस्तुत प्रबन्ध मूल दोनों प्रबन्धोंसे कहाँतक अच्छा बन सका है। लेकिन हाथकताईके विस्तृत क्षेत्रमें काम करनेवाले लोगोंको इन पृष्ठोंमें ऐसी बहुतसी सामग्री मिलेगी जिससे वे अपनी स्थिति सुदृढ़ बना सकेंगे। शंकालु लोगोंको भी सोचने विचारनेकी काफी सामग्री इसमें मिलेगी; न मिले तो मुझे बहुत ही आश्चर्य होगा।

३२-४

  1. यह तार १५ नवम्बरके एक तारके जवाब में भेजा गया था जिसमें लिखा था: कृपया तार द्वारा कहें कि आप बिरलाको ज्यादा पसंद करते हैं या श्रीप्रकाशको। कांग्रेसके कामका हर्ज हो रहा है।