पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 32.pdf/७९

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४२. पत्र : कनकचन्द्र शर्माको

[१६ नवम्बर, १९२६)

मुझे आपका पत्र और खद्दरका टुकड़ा मिल गया है।"[१]

कनकचन्द्र शर्मा

[ सचिव एवं अकाउन्टेन्ट
अ० भा० च० सं०
नवगाँव

असम ]

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ११२४७) की माइक्रोफिल्मसे।

४३. पत्र : ब्रजकृष्ण चाँदीवालाको

कार्तिक शुक्ल ११, १९८३ [ १६ नवम्बर, १९२६ ][२]

भाई ब्रजकृष्ण,

तुम्हारे खतका उत्तर केवल कालके अभावसे इसके पहले नहीं दे सका हूं। जब आना चाहो अवश्य आना और जाना है तब जाना में जो कुछ आश्वासन दे सकूं देना चाहता हूं।

देवदास आया ऐसा हि पंचगनी गया। मूल पत्र ( जी० एन० २३५१ ) की फोटो-नकलसे।

बापूके आशीर्वाद

  1. नवगाँव जिलेमें खद्दर उत्पादन कार्यकी स्थिति बयान करते हुए और कपासको बेहतर खेती करनेका सुझाव देते हुए लिखे गये बिना तारीखके एक पत्रपर यह पंक्ति लिखी हुई है।
  2. देवदास १९२६ में पंचगनी गये थे। कार्तिक शुक्ल ११, १६ नवम्बरको पड़ी थी।