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३१७. पत्र : शापुरजी सकलातवालाको

नन्दी हिल्स, (मैसूर राज्य)
१० मई, १९२७

प्रिय मित्र,

श्रीमती अनुसूयाबाईने अपने आपही आपका तथा गुलजारीलाल,[१] देसाई और उनके नाम संयुक्त रूपसे लिखा गया आपका पत्र मेरे पास भेजे हैं। मैंने उन दोनों पत्रोंको ध्यानपूर्वक पढ़ा है। मुझे आपका पत्र भी मिला था। में उसका उत्तर पहले नहीं दे सका, क्योंकि मेरे पास आपका पता नहीं था ।

जैसे ही मुझे अनुसूयाबाईका पत्र मिला, मैंने मोतीलालजीसे सम्पर्क स्थापित किया। मैं रोज उनका उत्तर पानेकी प्रतीक्षा करता हूँ। जैसे ही मुझे उनका उत्तर मिलेगा, आपको सूचना मिल जायेगी । आपको मुझपर जो विश्वास है, उसके लिए में आपका आभार मानता हूँ। यदि मैं आपकी कोई व्यक्तिगत सेवा कर सकूँ, तो मुझे बड़ी प्रसन्नता होगी। किन्तु मुझे खेद है कि मेरी सेवा करनेकी इच्छा एवं क्षमताकी सीमा इतनी ही हो सकती है ।

जहाँतक हमारे आदशोंका सम्बन्ध है, हम एक दूसरेसे भिन्न हैं। [२]चूंकि अनुसूयाबाई, शंकरलाल बैंकर एवं गुलजारीलाल तथा देसाई पूर्णतया स्वतन्त्र कार्यकर्त्ता हैं, उन्होंने अपनी श्रम-नीतिके निर्धारण एवं प्रशासनमें मेरे दिशा-निर्देशको स्वीकार करनेमें स्वतन्त्रता बरती है, इसलिए श्रमिकोंके सम्बन्धमें अहमदाबादमें जो-कुछ हो रहा है, उसके विषय में मुझे अपना उत्तरदायित्व अवश्य स्वीकार करना चाहिए। मैंने निश्चय ही उन्हें यह सलाह दी है कि जबतक अहमदाबादके मजदूर उनके नेतृत्वको स्वीकार करते हैं, उनको भारतके अन्य श्रम-आन्दोलनोंसे दूर रखा जाए। मेरी युक्ति अत्यन्त सरल है । भारतमें श्रमिकवर्ग अब भी अत्यन्त असंगठित है । जब राष्ट्र-नीति या श्रमिकोंके अपने सामूहिक हितसे भी सम्बन्धित कोई बात होती है, तो भी मजदूर लोग अपने दिमागसे काम नहीं लेते। भारतके विभिन्न भागों में मजदूरोंके सामाजिक तथा अन्य किसी प्रकारके पारस्परिक सम्बन्ध नहीं हैं। जहाँ कहीं ऐसे सम्बन्ध हैं भी वे प्रान्तीय अथवा एक ही तरहके जातीय आधारपर हैं। मजदूरोंके पारस्परिक सम्बन्धको समझदारीसे निर्देशित नहीं किया गया है। बहुत से स्थानोंपर यह सम्बन्ध स्वार्थी एवं बेहद बेईमान लोगों द्वारा निर्देशित है। प्रान्तके मजदूर नेताओं में परस्पर कोई सम्पर्क नहीं है। उपनेताओंमें कोई भी अनुशासन नहीं है और वे सब अपने प्रान्तोंके प्रधान

  1. गुलजारीलाल नन्दा |
  2. सकलातवालाकी राय थी कि सब नेताओंकी शक्तिका उपयोग देश-भरमें पथाशीघ्र श्रम एवं औद्योगिक संस्थाओंको खड़ा करनेकी दिशामें होना चाहिए।