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पत्र : चीनी छात्र संघको


मैं अब आपके द्वारा बताये गए पतेपर संघको पत्र लिख रहा हूँ ।

हृदयसे आपका,

पी० जे० रेड्डी

अवैतनिक सचिव
हिन्दुस्तान एसोसिएशन ऑफ सेंट्रल यूरोप
नेसेवेक्स्टर ८-९
शार्लोटनबर्ग, २

बर्लिन

अंग्रेजी (एस० एन० १२४८९) की फोटो-नकलसे ।

३२९. पत्र : चीनी छात्र संघको

आश्रम
साबरमती [१]
१३ मई, १९२७

प्रिय मित्रो,

मुझे श्रीयुत रेड्डीसे ज्ञात हुआ है कि आपको इस बातका पता नहीं चला कि कुछ समय पहले आपके द्वारा भेजा गया समुद्री तार मुझे मिला भी या नहीं अथवा उसपर मैंने कोई कार्यवाही की या नहीं। जहांतक मुझे याद है आपने समुद्री तारमें कोई पता नहीं दिया था। परन्तु मुझे याद है कि मैंने उसी जगह जहाँसे आपने समुद्री तार भेजा था, प्राप्ति स्वीकृति भेजी थी। इस सम्बन्ध में जो इससे भी ज्यादा जरूरी था वह किया; मैंने शीघ्र कार्यवाही की और 'यंग इंडिया' में कठोर शब्दों में इसका उल्लेख किया। मैंने बिना प्रमाणके यह मान लिया था कि आप 'यंग इंडिया' नियमित रूपसे पढ़ते हैं। लगभग सभी भारतीय सार्वजनिक दलोंने भारतीय सैनिक दस्ते भेजे जानेके विरोध में डटकर आन्दोलन किया। परन्तु में अत्यन्त खेदपूर्वक स्वीकार करता हूँ कि भारतीय जनमतमें इतनी शक्ति नहीं है कि ऐसे विषयों में सरकारपर कुछ असर डाल सके। यह तो मानना ही पड़ेगा कि इतना सब होनेपर भी हमारा राष्ट्र हीनावस्थामें है और ऊपर उठनेके लिए संघर्ष कर रहा है। इसलिए हम निस्सन्देह आपके जैसे राष्ट्रोंकी पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्तिके प्रयत्नमें पूरी सफलता मिलनेकी कामना ही कर सकते हैं; इससे अधिक और कोई सहायता नहीं कर सकते । हृदयसे आपका,

चीनी छात्र संघ
बर्लिन

अंग्रेजी (एस० एन० १२४९८) की फोटो-नकलसे ।

  1. स्थायी पता ।