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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

सत्य पाता हूँ। इसका यह मतलब नहीं कि मैंने वह स्थिति, उदाहरणके रूपमें दूसरे अध्यायमें वर्णित स्थिति, प्राप्त कर ली है। परन्तु मैं जानता हूँ कि हम इसमें बताये गये नियमोंका जितना पालन करते जायेंगे, उतना ही हम उस परिपूर्ण स्थितिके समीप पहुँचते जायेंगे ।

आशा है आपका स्वास्थ्य अच्छा होगा; मेरी सेहत बराबर सुधार रही है।

हृदयसे आपका,
बापू

अंग्रेजी (सी० डब्ल्यू० ९६४९) की फोटो-नकलसे ।
सौजन्य : गुलजारीलाल नन्दा

३९४. पत्र : धनगोपाल मुखर्जीको

आश्रम
साबरमती [१]
२८ मई, १९२७

प्रिय मित्र, 'यंग इंडिया' के लिए शुल्क सहित आपका पत्र मिला । यदि आपको 'यंग इंडिया' नियमित रूपसे न मिले तो कृपया इसकी सूचना प्रबन्धकको दीजिएगा और मुझे भी एक पंक्ति लिख भेजिएगा। कृपया आप मेरी सेहतके बारेमें चिन्ता न करें। मैं सब तरहकी आवश्यक सावधानी बरत रहा हूँ और यथासम्भव विश्राम कर रहा हूँ ।

हृदयसे आपका,

श्री घनगोपाल मुखर्जी

टाउन हॉल क्लब
१२३, वेस्ट ४३ स्ट्रीट

न्यूयॉर्क
अंग्रेजी (एस० एन० १२५०७) की फोटो-नकलसे ।
  1. स्थायी पता।