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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

पहले छावनी जाती हैं। सारे भारतवर्षमें जहाँ भी छावनी है, यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।

जहाँतक स्वास्थ्यका सम्बन्ध है, कोई नया समाचार नहीं है। मेरा खयाल है कि मैंने तुम्हें यह लिख दिया है कि मैं भाखरी और एक सब्जी फिर लेने लगा हूँ ।

सस्नेह,

बापू

अंग्रेजी (सी० डब्ल्यू० ५२३२) से ।
सौजन्य : मीराबहन

४०३. पत्र : नरगिस कैप्टेनको

नन्दी हिल्स
२९ मई, १९२७

पत्रकी प्राप्ति स्वीकार करनेकी मेरी तत्परताके लिए प्रशंसाकी आवश्यकता नहीं है। इससे केवल मुझे अपने कार्यमें सुविधा होती है। मैं जहाँतक हो सके प्रतिदिन का कार्य निबटानेकी कोशिश करता हूँ, जिससे मेरे मनपर बकाया कामका बोझ न रहे ।

आपने जैसा पत्र भेजा है, ऐसे पत्रोंको में कदाचित् ही प्रकाशित करता हूँ । नियम यह है कि वे ही पत्र प्रकाशित किये जायें जिनके विषय में आम चर्चाकी आवश्यकता हो । आपने जो पत्र मुझे लिखा है वह अत्यन्त निजी पत्र है, अतः प्रकाशित नहीं हो सकता। मेरे अपने अभिमानको सन्तुष्ट करनेके सिवाय इस पत्रको छापनेका और कोई कारण नहीं हो सकता, इसलिए फिलहाल आपका विज्ञापन करने या डाक्टर स्कापक नामका अभी 'यंग इंडिया' के पृष्ठोंमें उल्लेख करके, और वह भी एक इटालवी पत्रके सम्बन्धमें, उन्हें विडम्बनापूर्ण स्थिति में डालनेका प्रश्न ही नहीं उठता।

मैं देखता हूँ कि आपका पत्र तीन पत्रोंसे मिलाकर बन पाया है। कृपया पेरीन और खुर्शीदको बता दें कि आप वहाँ उनके आलस्यको बढ़ावा देनेके लिए नहीं हैं। जब वे स्वयं खाना बन्द करके, अपनी जगह आपको खाने दें, तब वे स्वयं काम करना बन्द करके आपको अपनी जगह काम करनेके लिए कह सकती हैं। 'गीता' में एक श्लोक है जिसका अर्थ है 'जो लोग बिना काम किये खाते हैं, वे चोर हैं । निस्सन्देह मेरे जैसे रोगियोंको छोड़कर। जहाँतक मेरा सम्बन्ध है, मेरी सेहत सुधर रही है। यहाँ दिन-प्रतिदिन सर्दी बढ़ती जा रही है। यद्यपि अभी बारिश ठीक तरहसे शुरू नहीं हुई है; लेकिन आजकल यहाँ बरसातका मौसम होता है ।

आपका,

अंग्रेजी (एस० एन० १४१२९) की फोटो-नकलसे ।