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४०४. पत्र : आर० बी० ग्रेगको

नन्दी हिल्स
२९ मई, १९२७

प्रिय गोविन्द,

मुझे आपका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पत्र मिला। मैं इससे पहले ही आपको पत्र लिख चुका था। आपने अपने लेखकी शिष्ट आलोचनाके लिए मुझे जो श्रेय दिया है, उसे में समुचित नहीं समझता। मैं यह कहना चाहता था कि यद्यपि मुझे हस्तलिखित पत्र पसन्द है, तो भी यह आवश्यक नहीं था कि आप मेरी खातिर अपने पत्रोंको फिरसे हाथसे लिखना आरम्भ कर देते। आपको टाइप करके पत्र लिखना जारी रखना चाहिए, क्योंकि आपका ऐसा विश्वास है और में भी जानता हूँ कि इससे समयकी बचत होती है, अतः मैं आपके लेखको बुरा भी नहीं समझता हूँ। वैसे यह और साफ हो सकता है। परन्तु सौभाग्यसे मैंने अपने मित्रोंके लेखके लिए अपने लेख को मापदण्ड बनाया है। इस कारण में ऐसे बहुत कम लोगोंको जानता हूँ जिनका लेख मेरे लेखसे बुरा हो । तो भी चूँकि मैं टाइपराइटरोंको पसन्द नहीं करता, इसलिए यदि मेरे लिये अपने हाथसे लिखना सम्भव हो, तो मैं अपने पत्रोंको टाइप करवाने या स्वयं टाइप करनेके बजाय अपाठ्य लेखमें ही लिखना ज्यादा पसन्द करूँगा। इसके पीछे कारण यह है कि यदि मुझे अपने मित्रोंमें कोई दिलचस्पी हो तो मुझे अच्छा एवं सुवाच्य लेख लिखना चाहिए, टाइपराइटर उपेक्षा और आलस्यको छिपानेके लिए है। इसके अलावा में इस उक्तिमें विश्वास करता हूँ कि लेखसे लेखकका व्यक्तित्त्व प्रकट हो जाता है। टाइप करनेसे निश्चय ही समयकी बचत होती है। परन्तु जहाँ मैं मानता हूँ कि समय पैसा है, मैं यह नहीं मानता कि पैसा ही सब कुछ है। इसलिए मैं ऐसे असंख्य अवसरोंकी कल्पना कर सकता हूँ जबकि समयकी बचत करना अनुपयुक्त होगा। टाइपराइटर जो अतिक्रमण कर रहा है उससे सुन्दर लेखन कला पूरी तरह नष्ट हो गई है। मुझे नहीं मालूम कि क्या आपने पुरानी हस्तलिखित पाण्डुलिपियाँ देखी हैं जिनमें लोग अपनी आत्मा तकको कृतिमें उँडेल दिया करते थे ? परन्तु मैं जिस विषयपर लिखना चाहता हूँ, उससे मुझे निश्चय ही भटक नहीं जाना चाहिए।

कुछ एक अछूत बालकोंको चुनने एवं उन्हें आदर्श किसान बनानेके आपके सुझाव आपके हृदयकी उदारताके सूचक हैं। परन्तु इससे मालूम होता है कि आप स्थितिसे अनभिज्ञ हैं। आपके सुझावके मुताबिक यदि आधा दर्जन अछूत भी प्रशिक्षित किये जा सकें, तो इससे हम अस्पृश्यताकी समस्याके हलके कोई खास नजदीक नहीं पहुँच सकते। इस बातका निराकरण करनेके लिए हिन्दू मस्तिष्क तत्काल कहेगा कि हम ऐसे प्रत्येक अछूतको जिसने इन छ: आदमियोंकी तरह योग्यता प्राप्त कर ली है।