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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

और अभी मुझे ऐसा लगता है कि गंगूबहनको तुम अनायास मिल गई हो; और शायद तुम्हीं उसकी उद्धारक सिद्ध होओ। सस्नेह, अंग्रेजी (सी० डब्ल्यू० ५२३७) से । सौजन्य : मीराबहन ४६३. पत्र : म्यूरियल लेस्टरको तुम्हारा, बापू ८ जून, १९२७ आपका सुन्दर और सख्त पत्र मिला। मुझे यह सोचकर दुःख होता है कि आपको एक ठीक प्रस्ताव बनाकर दे सकने योग्य कोई भी व्यक्ति नहीं मिला। अस्तु अब आपको प्रस्ताव मिल गया है। मुझे लिखें कि उससे आपका ठीक काम चल रहा है या नहीं। कुमार पार्क बंगलोर अनगिनत जाने अनजाने मित्रोंकी दुआओंका शुक्र है कि जो मेरा स्वास्थ्य बेहतर होता दिख रहा है और में सशक्त हो रहा हूँ । आशा है कि अगले महीनेतक मैं काफी हदतक अपना काम पुनः करने लगूंगा। मैं अपने स्वास्थ्यकी ठीक हिफाजत कर रहा हूँ। क्योंकि मैं चाहता हूँ कि आप अपने मद्यपान-विरोधी आन्दोलनमें सफलता पायें ताकि मैं वहाँ आ सकूं और आप जो काम कर रही हैं उसके अच्छे परिणामोंसे लाभ उठा सकूं। लेकिन आपकी सफलतासे बहुत बड़ी-बड़ी सम्भावनाओंकी आशा है। और यदि ईश्वर तथा उसकी अतिशय नेकीमें मुझे कोई विश्वास न होता तो मैं गन्दी बस्तियों में सेवाकार्य करनेवाले आप-जैसे एक अपेक्षाकृत अनजाने कार्यकर्त्तासे देशके ऊँचे और शक्तिशाली लोगोंतक पहुँच पाने और उनके हृदय परिवर्तित करनेकी आशा न करता । ईश्वर आपको ऐसा कर सकनेकी सारी शक्ति दे। कुमारी म्यूरियल लेस्टर किंग्सले हॉल, पॉविस रोड बो, ई-३ लन्दन मुझे खुशी है कि आपने पण्डित जवाहरलाल नेहरूको लिखा है और मुझे पूरी आशा है कि वे यह काम कर सकेंगे । हृदयसे आपका, अंग्रेजी (एस० एन० १२५०८) की फोटो-नकलसे । Gandhi Heritage Portal