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विद्यार्थी परिषद

बातका जोखिम उठाकर भी निर्णय करना कि कांग्रेसके अलग-अलग आम अधिवेशनमें उसके निर्णय शायद फिरसे बदल दिये जायें। कांग्रेसका विशेष अधिवेशन बुलाना केवल निम्नलिखित तीन परिस्थितियों में आवश्यक हो जाता है : (१) जब किसी आवश्यक प्रश्नपर तीव्र मतभेद हो; (२) जब ऐसे ही किसी प्रश्नपर लोकमत जाग्रत और प्रशिक्षित करना जरूरी हो; (३) या प्रस्तुत किये गये किसी प्रश्नपर बहुत व्यापक रूपमें सार्वजनिक प्रदर्शन करना जरूरी हो गया हो। इसके अतिरिक्त अन्य किसी महत्त्वपूर्ण प्रश्नके अथवा किसी अन्य परिस्थितिमें यदि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अपना स्पष्ट निर्णय न देगी और उसपर अमल नहीं करेगी तो मेरा खयाल है कि वह अपने कर्तव्य पालनसे च्युत मानी जायेगी ।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, ९-६-१९२७

 

४७३. विद्यार्थी परिषद

सिन्धकी छठी विद्यार्थी परिषदके मन्त्रीने मुझे एक छपा हुआ परिपत्र भेजा है, जिसमें मुझसे सन्देश माँगा गया है। इसी सम्बन्ध में मुझे एक तार भी मिला है। परन्तु चूँकि मैं एक तरहसे लगभग अनुपगम्य स्थानमें था, इसलिए वह चिट्ठी और तार मुझे इतनी देरसे मिले कि मैं परिषदके लिए कोई सन्देश समयपर नहीं भेज सकता था और मैं ऐसी हालत में भी नहीं हूँ कि सन्देश, लेख आदि अनेक चीजें भेजनेके लिए की जानेवाली प्रार्थनाओंको स्वीकार कर सकूं। पर चूँकि में समस्त भारतके विद्यार्थी-वर्गके कुछ-न-कुछ सम्पर्कमें रहता हूँ और इसलिए मैं विद्यार्थियोंसे सम्बन्ध रखनेवाली हरएक बातमें दिलचस्पी रखनेका दावा करता हूँ, मैं अपने मन ही मनमें उसकी आलोचना किये बिना न रह सका, जिसकी रूपरेखा इस छपे परिपत्र में दी गई थी। यह सोचकर कि मेरी वह आलोचना उपयोगी होगी मैं उसमें से कुछ अंश लिखकर विद्यार्थी जगतके सामने पेश करता हूँ। मैं नीचे लिखा अंश उस परिपत्र से उद्धृत कर रहा हूँ जो छपा भी बुरी तरहसे है, और जिसमें ऐसी गलतियाँ रह गई हैं जो विद्यार्थियोंकी संस्थाके लिए अक्षम्य ही मानी जायेंगी ।

इस परिषद के संगठनकर्ता इसे यथासम्भव मनोरंजक और शिक्षाप्रद बनानेका भरपूर प्रयास कर रहे हैं...। हम शिक्षा सम्बन्धी व्याख्यानमालाके आयोजनकी बात भी सोच रहे हैं। और हम आपसे प्रार्थना करते हैं कि आप भी हमें अपनी उपस्थितिका लाभ देनेकी कृपा करें...। हमारे यहाँ सिन्धमें स्त्री-शिक्षाका प्रश्न खास तौरसे विचारणीय है। विद्यार्थियोंकी अन्य जरूरतें भी हमारी निगाहमें हैं। खेल-कूद प्रतियोगिताओंका आयोजन किया जा रहा है। साथ ही वादविवाद प्रतियोगिता भी हो रही है, जिससे परिषद और भी मनोरंजक हो जायेगी। नाटक और संगीतका कार्यक्रम भी रखा है। उर्दू और अंग्रेजीके उपाख्यानोंको भी रंगमंचपर खेला जायेगा ।