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६८. पत्र : राजकिशोरी मेहरोत्राको

कुमार पार्क,बंगलोर

२८ जून,१९२७

चि० राजकिशोरी,

तुमको मैंने दो पत्र लिखे उसका कोई उत्तर मुझको नहीं मिला है। अब तुम्हारा पत्र मुझको मिलनेसे यह लिखता हूं। मुझको लिखो किस तरह तुम्हारी प्रतिज्ञाका पालन कर रही है। और लड़कोंके हाल बताओ । स्वास्थ्य कैसा है और वाचनमें क्या होता है ? १० जुलाईतक मुझको पत्र इसी स्थानपर मिल सकते हैं। उसके बाद आश्रम ।

बापूके आशीर्वाद

सी० डब्ल्यू ० ६६५९ से ।

सौजन्य : परशुराम मेहरोत्रा


६९. पत्र : बनारसीदास चतुर्वेदीको

बंगलोर

२८ जून, १९२७

भाई बनारसीदासजी,

आपका पत्र मिला है । आश्रमसे उत्तरतक क्यों नहीं आया में नहीं समजता हूं । मैं इसकी खोज करता हूं। करीब दो महिनेतक तो मेरा आश्रम में जाना नहीं होगा ऐसा प्रतीत होता है। आपकी चिट्ठी बीमारी में मिली उसमें कोइ खराबी न थी ।

आपका

मोहनदास

जी० एन० २५७२ की फोटो नकलसे ।