पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 34.pdf/११९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

७५. चित्तरंजन सेवा-सदन

कलकत्ताके प्रसिद्ध चिकित्सा शास्त्री और अखिल बंगीय देशबन्धु स्मारक न्यास- मण्डलके सदस्य डॉ० विधानचन्द्र रायने सेवा सदनके लिए पाँच लाख रुपये देनेके लिए एक अपील जारी की है। पाठकोंको स्मरण होगा कि यह संस्था उस जमीनपर बनी हुई है जो देशबन्धुने अपने जीवन-कालमें ही न्यासियोंको सौंप दी थी। इस जमीनका कुछ हिस्सा कर्ज के एवज में रेहन पड़ा हुआ था । देशबन्धुकी मृत्युके तुरन्त बाद स्मारक- कोषके लिए जो धन एकत्र किया गया, उसमें से वह कर्ज चुका दिया गया और एक वर्षसे अधिक समयसे वहाँ सभी साधनोंसे युक्त एक सुव्यवस्थित अस्पताल और दवाखाना चलाया जा रहा है। इस एक वर्षमें वहाँके चिकित्सालय में बाहर रहकर इलाज करानेवाले २२,००० रोगियोंका इलाज किया गया, जिनमें से ७,०२३ नये रोगी थे। जिन रोगियोंका अस्पतालमें भरती करके इलाज किया गया उनकी संख्या ५७९ है, यद्यपि रोगियोंके लिए अस्पतालमें कुल २३ खाटें ही हैं । न्यासी लोग ३२ और खाटोंकी व्यवस्था करना चाहते हैं। इसमें कोई सन्देह नहीं कि यह संस्था एक वास्तविक जरूरत को पूरा कर रही है और इसका विस्तार आवश्यक है। विस्तारके लिए और पैसेकी जरूरत होगी ही। जिन लोगोंके मनमें देशबन्धुकी स्मृतिके प्रति सम्मान और श्रद्धा है और जो बीमार लोगोंकी सहायता करनेकी आवश्यकता समझते हैं, वे न्यास-मण्डलकी अपीलपर धन देने में विलम्ब नहीं करेंगे। इस संस्थाकी परिपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इसमें आय-व्ययका प्रमाणित विवरण और संस्थामें इलाज किये गये रोगियोंका विश्लेषण दिया गया है। रिपोर्ट डॉ० विधानचन्द्र राय, १४८, रसा रोड साउथ, कलकत्तासे मँगाई जा सकती है । चन्देकी रकमें मन्त्री, देशबन्धु स्मारक न्यास, ३६, वेलिंग्टन स्ट्रीट, कलकत्ताके पतेपर भेजी जा सकती हैं या देशबन्धु स्मारक न्यास, सैन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया लिमिटेड, १०० क्लाइव स्ट्रीट, कलकत्ताके खाते में जमा कराई जा सकती हैं ।

[ अंग्रेजीसे ]

यंग इंडिया, ३०-६-१९२७