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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आपमें से बहुत-से लोगोंने खादी पहन रखी है । लेकिन मैं यह चाहता हूँ कि आप केवल आजके इस समारोहके लिए ही खादी न पहनें, वरन् जिन्दगी-भर इसको पहनते रहें तथा गाँवोंमें रहनेवाले अपने भाइयों और बहनोंको भी, जब आप उनसे मिलें, खादी पहननेको तैयार करें। आज यहाँ आप लोगोंके लिए एक खादी वस्त्रालय खोला जा रहा है । मैं चाहता हूँ कि आप सब लोग वहाँ जायें और उस भण्डारका सारा कपड़ा खरीदकर उसे खाली कर दें । मैं जानता हूँ, आपके यहाँ हमारा खादी-कार्य प्रगतिपर है । मेरी भगवान् से प्रार्थना है कि वह आपको कार्य जारी रखनेके लिए बुद्धि और बल दे । मुझे उम्मीद है, आप इस बातको अच्छी तरह समझते हैं कि इस देशके दीन-दुखियोंके इस कार्यमें आप सबको पूरी मदद देनी चाहिए।

मैं आज आपसे एक बात कहना चाहता हूँ। मैं यह जानना चाहूँगा कि आपमें से कितने लोग आदि कर्नाटक हैं ? ( उपस्थित जनसमुदायमें से कुछ लोगोंने हाथ उठाये ) आपके अनेक भाई और बहनें यहाँ नहीं आयी हैं। आपसे और जो नहीं आये हैं उन सबसे भी मैं यह कहूँगा कि आपकी जातिके उद्धारके लिए बहुत कुछ किया जा रहा है। आपकी मैसूर पालियामेन्ट में (प्रतिनिधि सभामें ) दीवान साहबने अपने अभि- भाषण में इस प्रश्नकी चर्चा की है। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि महाविभव इस प्रान्तके दलितोंके उद्धारके कार्य में बहुत दिलचस्पी लेते हैं । आपकी इस अवदशासे मुझे सहानुभूति है । हमने अपने ही भाइयों और बहनों में से कुछके साथ जो व्यवहार किया है, उसके प्रायश्चित्त-स्वरूप हमें अपने-आपको पंचम मानना होगा ।

लेकिन मैं यहाँ आपसे, आदि कर्नाटक समाजके सदस्यों अथवा प्रतिनिधियोंसे बात करना चाहता हूँ। मैं जहाँ कहीं भी गया हूँ, मैंने इस समाजके लोगोंको बुरी आदतोंसे ग्रस्त पाया है जैसे कि वे गोमांस अथवा भैंस आदिका मांस खाते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि वे महान् हिन्दू समाजके अन्तर्गत आते हैं और उन्हें गो मांस नहीं खाना चाहिए। अनेक मित्रोंने, अनेक सच्चे और नेक व्यक्तियोंने भारतकी भिन्न-भिन्न जातियों के बीच आपसमें प्रेम और भाईचारेकी भावनाको बढ़ानेके विचारसे अपनी इस आदतको छोड़ दिया है। मेरे सैकड़ों मित्रोंने, अंग्रेज और मुसलमान दोनों ही ने, अपनी इस आदत- को छोड़ दिया है। मैं ऐसे अनेक प्रतिष्ठित मुसलमानोंको जानता हूँ जो गो-हत्या के पक्ष में नहीं हैं । आपके अपने राज्य में ही गो-रक्षाके लिए एक संस्था है, और गो-हत्या- को रोकने के लिए आन्दोलन भी चल रहा है । मुझे खुशी है कि आपके शासक इस आन्दोलन में दिलचस्पी रखते हैं। आप काफी बड़ी संख्यामें यहाँ उपस्थित हुए हैं, लेकिन कितनी गायें जीवित हैं और कितनी गायोंकी हत्या की जाती है ? बंगलोर की दुग्धशालाके श्री विलियम स्मिथने बताया है कि मैसूर राज्यमें बहुत ज्यादा पशुओं- का वध किया जाता है, आवश्यकतासे कहीं अधिकका, लेकिन में जानना चाहूँगा कि आप यह सब करते ही क्यों हैं ?

हमारा देश किसानोंका देश है और एक राष्ट्रके रूपमें हम प्राचीन कालसे अपने पशु-धनपर निर्भर रहते आये हैं। मैं जब नन्दी हिल्स में था, उस समय मेरे मित्र मुझे अच्छा दूध दिया करते थे, लेकिन मैं जानता हूँ कि हमारे देशमें अच्छा दूध मिलनेमें