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१८१. 'जी' वार्ड जिला कांग्रेस कमेटी खादी भण्डार

'जी' वार्ड जिला कांग्रेस कमेटी, बम्बईके श्रीयुत एम० एन० पडवेकरने इस स्तम्भमें प्रकाशित खादी भण्डारोंकी सूची में उनके भण्डारका नाम छूट जानेकी ओर मेरा ध्यान आकर्षित किया है। अनजाने हुई इस भूलको मैं खुशी-खुशी सुधार रहा हूँ । अखिल भारतीय चरखा संघ अपनी जानकारीमें आये सभी खादी भण्डारोंकी एक विस्तृत सूची बनानेकी कोशिशमें लगा हुआ है । ऐसी अवस्थामें इस प्रकारकी भूलें लाजिमी हैं ।

पत्र-लेखकने लिखा है :

बिक्री अच्छी न होनेके कारण पहले इस दुकानको बन्द करनेकी बात सोची जा रही थी, लेकिन कुछ जोशीले कार्यकर्ताओंने रविवारों और सभी छुट्टियोंके दिन फेरी लगाकर खादी बेचनी शुरू कर दी क्योंकि अन्य दिन तो उन्हें जीविकाके लिए अपने-अपने कामपर जाना पड़ता था । इससे दुकान बच गई है। बम्बईमें बस यही एक दुकान है जो खादीको घर-घर पहुँचानेका प्रयास करती है; और कार्यकर्त्ताओंको भरोसा है कि यह भण्डार कुछ ही समयमें खादीका सन्देश नगर और उपनगरीय बस्तियोंके हर घरमें पहुँचा देगा ।

मैं कार्यकर्त्ताओंकी सफलताकी कामना करता हूँ ।

[ अंग्रेजीसे ]

यंग इंडिया, २१-७-१९२७

१८२. पत्र : मीराबहनको

मैसूर

२१ जुलाई, १९२७

चि० मीरा,

तुम्हारा पत्र मिला। अगर किसी तरह हो सका तो मैं तुम्हारे लिए शान्ति- वाला कमरा ठीक करनेकी कोशिश करूँगा ।

सस्नेह,

बापू

अंग्रेजी ( सी० डब्ल्यू० ५२५३ ) से ।

सौजन्य : मीराबहन ।