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पत्र : के० पी० पद्मनाभ अय्यरको

भी काट-छाँट की जा सकती हो, की जाये और जिन स्थानोंपर न जानेसे काम चल सके, उनको छोड़ दिया जाये ।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत एस० वी० कोजलगी

बीजापुर

अंग्रेजी (एस० एन० १२६१२) की फोटो - नकलसे ।

१८४. पत्र : य० म० पारनेरकरको

मैसूर

२१ जुलाई, १९२७

प्रिय पारनेरकर,

यहाँ मैसूरकी पैलेस डेरीमें जो प्रपत्र प्रयोगमें लाये जाते हैं, उन्हें मैंने हमारे मार्गदर्शन के लिए मँगा लिया है। मैं प्रपत्र साथमें भेज रहा हूँ ।

मैंने मगनलालसे बात की थी और हम दोनों इस नतीजेपर पहुँचे कि हम जो भी देखें सुनें या जिन नई चीजोंपर भी ध्यान जाये, उन सबको विधिवत् दर्ज करते जाना चाहिए। इन प्रपत्रोंसे इस आवश्यक कार्य में सहायता मिल सकती है । मैं यह तो चाहूँगा ही कि हम अपनी डेरीमें ये प्रपत्र हिन्दी या गुजरातीमें रखें।

हृदयसे आपका,


सहपत्र : १

अंग्रेजी (एस० एन० १२९२०) की माइक्रोफिल्मसे ।

१८५. पत्र : के० पी० पद्मनाभ अय्यर को

स्थायी पता : कुमार पार्क,बंगलोर

२१ जुलाई, १९२७

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला । अपने पत्रमें लिखा पथ्य लेनेकी सलाह क्या आपने व्यापक अनुभवों और प्रयोगोंके आधारपर दी है ? और अगर बात ऐसी ही हो तो मैं आपके द्वारा किये गये प्रयोगोंकी जानकारी प्राप्त करना चाहूँगा। क्या आपने केले और कच्चे नारियल के पानीसे प्राप्त होनेवाले पोषक तत्त्वोंके बारेमें पूरा-पूरा विचार कर लिया है ? क्या यह सच नहीं है कि केले और नारियलमें प्रोटीन नहीं होता और होता भी है तो बहुत कम; लेकिन इसके विपरीत दूधमें अपेक्षाकृत काफी अधिक प्रोटीन