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पत्र : जे० डब्ल्यू० पेटावेलको

आसनोंका अभ्यास पहलेकी तरह चल रहा है । जब भी चाहें, आनेकी कृपा अवश्य करें ।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी (एस० एन० १४१९६) की फोटो नकलसे ।

१९८. पत्र : सुन्दरलाल माथुरको

कुमार पार्क,बंगलोर

२४ जुलाई, १९२७

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला। काली या लाल कोई भी मिट्टी हो, पर साफ हो तो काम दे जायेगी । कमसे कम सात दिनतक मिट्टीकी पट्टी लगातार रखनी चाहिए और यदि लाभ दिखाई पड़े तो आप उसे तबतक जारी रख सकते हैं जबतक आपको यह न लगे कि अब काफी हो चुका है। अजीर्णके लिए तो मिट्टीकी पट्टियाँ जारी रखते हुए भी पूरा उपवास रखकर बीच-बीचमें खूब पानी पीनेसे बड़ा लाभ होता है । और यदि आप उपवास रखें तो दिनमें एक बार एनिमाके द्वारा अंतड़ियाँ साफ कर लेनी चाहिए।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत सुन्दरलाल माथुर, बी०ए०, एलएल०बी०

वकील

पीरगैब

मुरादाबाद (सं० प्रा० )

अंग्रेजी (एस० एन० १४१९७) की फोटो - नकलसे ।

१९९. पत्र : जे० डब्ल्यू० पेटावेलको

कुमार पार्क,बंगलोर

२४ जुलाई, १९२७

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला । यह न समझें कि मैं आपसे ऊब जाऊँगा । मुझे उबाना इतना आसान काम नहीं है । लेकिन, थोड़े ही दिनोंमें आप खुद ऐसा मानकर कि इस आदमीके साथ सिर खपाना बेकार है, मुझे छोड़ देंगे। क्योंकि आपका ताजा पत्र भी मुझे वह खुराक नहीं देता जो मैं चाहता हूँ ।

वह अद्भुत और सफल आदर्श बस्ती कौन-सी है जिसका आपने अपने लेख में उल्लेख किया है ? काश, मैं आपको यह समझा पाता कि लिखिए कम और कीजिए