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भाषण : आरसीकेरे जंकशनपर लम्बानियोंके समक्ष

मगर कान्तिलाल गये उसका क्या ?[१] इस दुःखको कैसे सहा जाये ? उसे भी सहन करना चाहिए। बुद्धि कर्मानुसारिणी होती है । कान्तिलालने अगर आत्महत्या ही की हो तो उसका कारण मैं कुछ-कुछ समझता हूँ। मगर हमें कारणकी झंझटमें नहीं पड़ना चाहिए। हम तो यही निश्चय करें कि आत्महत्या हरगिज न करेंगे । आत्महत्या करनेवाले संसारकी झूठी चिन्ता करनेवाले होते हैं या फिर दुनिया से अपने दोषोंको छिपानेवाले होते हैं। हम जो नहीं हैं वह दिखनेका ढोंग कभी न करें; जो न हो सके उसे करनेका मनोरथ न करें ।

बापूके आशीर्वाद

गुजराती (जी० एन० ३६६०) की फोटो नकलसे ।

२४२. भाषण : आरसीकेरे जंकशनपर लम्बानियोंके समक्ष[२]

२ अगस्त, १९२७

आप सबको खद्दर पहनना चाहिए; इसे आपके भाई तैयार करते हैं और इसको खरीदनेपर आप जो भी पैसा खर्च करते हैं उससे उनका पेट भरता है। आप सबको शराब पीना और मांस खाना छोड़ देना चाहिए। यदि आप मेरे प्रति सच्चा प्रेम और स्नेह-भाव रखते हैं तो आपको मेरी बात सुननी चाहिए और मेरे कहे अनुसार चलना चाहिए। आपको यह बात भी अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि जब आपकी बिरादरीमें किसी लड़कीका एक बार विवाह हो जाये तब फिर अपने पुराने रिवाजके अनुसार आपमें से किसी दूसरेको उसे उठा ले जाकर उससे पुनः विवाह नहीं करना चाहिए। यह रिवाज बहुत बुरा और हिन्दू धर्मके विरुद्ध है ।

लम्बानी स्त्रियोंकी ओर मुड़कर गांधीजीने कहा कि इस समय आपने जिस तरहके भारी-भरकम गहने पहन रखे है, उस तरहके गहने आपको नहीं पहनने चाहिए ।

[ अंग्रेजीसे ]

हिन्दू, ५-८-१९२७

  1. देखिए "पत्र : मीराबहनको", १-८-१९२७ ।
  2. स्टेशन पार्टमें, मैसूर प्रदेश लम्बानी संघकी ओरसे दिये गये अभिनन्दन-पत्रके उत्तरमें।