पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 34.pdf/३३१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२९५
पत्र : वी० वी० दास्तानेको

ऊनी कपड़ेकी ही बनवाई थी। आप चाहें तो हाथ-कते नेपाली कम्बल खरीद सकते हैं। वे काफी गर्म रहेंगे और खूब सस्ते भी पड़ेंगे।

आप कितने कपड़े ले जायें यह कह सकना तो बहुत मुश्किल है। लेकिन यदि मुझे वहाँ जाना होता तो मैं आधा दर्जन कम्बल साथ ले जाता । मेरा खयाल है कि आप पतलून पहनेंगे? आपको पतलून आदिके लिए उपयुक्त ऊनी कपड़ा मिल सकता है। आप खादी प्रतिष्ठानवाले सतीशबाबूसे पूछ देखिए; यदि वे आपके लिए ऊपरी पोशाक- की व्यवस्था न कर सकें तो में जानता हूँ कि बम्बईका खादी भण्डार तो अवश्य कर सकता है, क्योंकि भण्डारने इंग्लैंड जानेवाले अनेक भारतीयोंके लिए बिलकुल ठीक ढंगकी ऊपरी पोशाककी व्यवस्था की है। खादी प्रतिष्ठानका पता आपको मालूम ही होगा –– १७०, बहू बाजार स्ट्रीट, कलकत्ता । खादी भण्डारका पता है, प्रिन्सेस स्ट्रीट, बम्बई । अन्दर पहने जानेवाले कपड़े तो आप मजेमें सूती खादीसे बनवा सकते हैं ।

हृदयसे आपका,

डॉ० गुरुदास राय

बालागढ़ डाकघर

हुगली जिला, बंगाल

अंग्रेजी (एस० एन० १४२०५ ) की फोटो नकलसे ।

२४५. पत्र : वी० वी० दास्तानेको

कुमार पार्क,बंगलोर
३ अगस्त, १९२७

प्रिय दास्ताने,

तुम्हारा पत्र मिला । यह विचार मुझे पसन्द आया कि खादीके प्रसार-प्रचारके लिए मालवीयजी महाराष्ट्रका दौरा करें; लेकिन मैं नहीं चाहता कि अभी तुम उन्हें कोई कष्ट दो । उनका स्वास्थ्य तो इन दिनों वैसे ही खराब है, इसलिए हमें किसी भी हालत में उनपर कोई बोझ डालनेका भागी नहीं बनना चाहिए। और फिर, कार्य- कर्त्ताओंको काम करनेके लिए उत्साहित करने के उद्देश्य से जनतामें और जागृति फैलाने तथा बड़ी-बड़ी सभाएँ करनेकी भी अभी आवश्यकता नहीं है। मेरे दौरेसे जनतामें जो जागृति और स्फूर्ति आई थी, अभी तो तुम्हें उसीको स्थायी उपलब्धियोंका रूप प्रदान करनेका पूरा समय नहीं मिल पाया है। जिन विभिन्न खादी केन्द्रोंकी स्थापना की गई है, इस समय तो तुम्हें उन्हींकी नींव मजबूत करने और उनका विकास करनेकी आवश्यकता है। तुम विभिन्न केन्द्रोंके कामपर नजर रखो और खुद पिम्प- राला केन्द्रकी नींव सुदृढ़ करो। इस सबका मतलब यह है कि इस समय तुम्हें किसी बड़े दौरेका प्रबन्ध करने के कामसे मुक्त रहना है। और तीसरे, यदि प्रोफेसर काले, 'केसरी' से सम्बन्धित व्यक्ति तथा अन्य लोग, जो अभीतक खादीसे दूर रहे हैं, खादीकी