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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

स्थिति और देशकी दशा सुधरेगी, उससे पहले नहीं । यही खादीकी शक्ति है और जब आप खादी सहकारी समितिकी स्थापना कर रहे हैं तो आप सबको उसके जरिये इस महान् कार्य में सहयोग देना चाहिए। वह कार्य है अपने देशके भूखे लोगोंको भोजन देना, क्योंकि जब आप खद्दर खरीदते हैं तथा दूसरोंसे भी खद्दर खरीदवाते हैं तो उससे निश्चित हो जाता है कि जिन्होंने उसे बुना और काता, उन्हें मजदूरी और भोजन मिलेगा | क्या आप इस कार्यमें मदद देंगे ?

मैं आपसे मदद के लिए अनुरोध कर रहा हूँ । आप बुकर टी० वाशिंगटन के टस्केजी संस्थान की पद्धतिपर आदि कर्नाटकोंके लिए संस्थान स्थापित करनेका जो प्रयत्न कर रहे हैं, उसके लिए मैं एक बार फिर सन्तोष प्रकट करता हूँ । भाइयो, अब सारे देशमें ऐसी अनेक संस्थाओंको स्थापित करनेकी आवश्यकता है । सेवा और बलिदान- के क्षेत्रमें जनरल आम्स्ट्रांग और बुकर टी० वाशिंगटन के नाम बड़े आदर के साथ लिये जाते हैं। मैं चाहता हूँ कि आप उनके कार्यकी महत्ताको समझें और महसूस करें। मेरी इच्छा है कि हमारे शिक्षित मित्र इसे समझें। मैं यह भी चाहता हूँ कि वे इस बातको महसूस करें कि लोगोंको बौद्धिक संस्कार देते समय उन्हें श्रमकी महत्ताके सिद्धान्तको भी उनके मन में भरना चाहिए, जैसा कि उन संस्थाओंमें किया जाता है। कृपया इसे याद रखें। आपने मेरा जो स्वागत किया है, उसके लिए मैं आप सबको धन्यवाद देता हूँ ।

[ अंग्रेजीसे ]

हिन्दू, ५-८-१९२७

२५२. प्रदर्शनी में बिक्री

श्रीयुत सीताराम शास्त्रीने निम्नलिखित तार भेजा है :

बंगलोर प्रदर्शनी में आन्ध्र शाखाकी दुकानपर, ४,०८५ रुपयेका कपड़ा प्रदर्शित; बिक्री - फुटकर १,७०५ रुपये और थोक १,५१६ रुपये ।

मसूलिपटम सत्यनारायण सूचित करते हैं कि प्रदर्शनीकी दुकानपर ३,०५१ रुपये का कपड़ा प्रदर्शित; बिक्री - फुटकर ९८० रुपये, थोक ९६६ रु० ।

इसका मतलब हुआ कुल मालका ८० प्रतिशत और ६३ प्रतिशत । यह प्रतिशत सचमुच बहुत अच्छा है ।

[ अंग्रेजीसे ]

यंग इंडिया, ४-८-१९२७