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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

सरकारी सहकारी समितिका आश्रय लिये बिना काम चलाया जाये। अगर सहकारी विभाग पूरे मनसे सलाह-मशविरा देनेको तैयार हो तो वह उससे सलाह ले सकता है और अगर उस विभागमें साँड़ उपलब्ध हों तो साँड़ोंका उपयोग भी कर सकता है। असल बात तो यह है कि ग्रामवासियोंको पशुओंकी अवस्था और नस्ल सुधारनेकी शिक्षा देनेका काम शुरू कर देना चाहिए। जो योजना सुझाई गई है, उससे उस दिशामें सहायता मिलती है। श्री स्मिथका कहना है कि अगर इस योजनाको ठीक ढंगसे लागू किया जाये तो पशुओंकी उपयोगिता और उनसे मिलनेवाले दूधकी मात्रा दुगुनी हो सकती है ।

[ अंग्रेजीसे ]

यंग इंडिया, ४-८-१९२७

२५६. गुजरातकी सहायता करें

गर्वीला गुजरात आज धूलि-धूसरित है। अबतक जो सिर्फ देना ही जानता था, उसे आज खुद ही भिक्षा-पात्र उठाना पड़ रहा है। अबतक अखबारी खबरोंके सिवाय मुझे दूसरे जरियोंसे कोई सूचना नहीं मिली है। यद्यपि श्रीयुत वल्लभभाई पटेल अपने निजी तारोंके द्वारा मुझे बुरीसे-बुरी खबरके लिए तैयार कर रहे थे, मगर वे पूरा ब्योरा नहीं भेज सके। हासनसे लौटने के बाद[१] अभी-अभी उनका एक तार मिला है। वह मैं नीचे दे रहा हूँ :

नर्मदा और काठियावाड़के उत्तर में स्थित गुजरातका अधिकांश भाग उजड़ गया है। लोग बेघर हो गये हैं। ढोर और मालमता बह गया है। कुल नुक-सानका अन्दाजा तो करोड़ोंके हिसाब से ही लगाया जायेगा। बड़ौदाके अलावा और सब जगह प्राण-हानि कम हुई है । १०० इंच वर्षा होनेसे खड़ाकी हालत सबसे बुरी है। बोरसदसे अभीतक कोई सम्पर्क स्थापित नहीं किया जा सका है। गुजरात और काठियावाड़के सभी हिस्सोंसे मददकी दर्दनाक माँग आ रही है। २ अगस्तको एक सार्वजनिक सभा हुई, और अकाल-निवारण समिति बनाई गई। अहमदाबाद जिलेमें बाढ़ पीड़ितोंको अन्न बाँटनके लिए तीन लाख रुपये और टूटे-उजड़े घरोंको फिरसे बसानेके लिए कर्ज देनेके लिए दस लाख रुपये इकट्ठे करने हैं। प्रान्तिक समितिके अधीन प्रान्तीय स्तरपर सहायताका काम अलग होना है। अमृतलाल ठक्कर, लक्ष्मीदास पुरुषोत्तम और नरहरि परीखके अधीन क्रमशः आनन्द, नडियाद और अहमदाबाद में सहायता केन्द्र खोले गये हैं। मगनलाल गांधी बोरसद जाकर वहाँसे सम्पर्क स्थापित करेंगे। दूसरे स्थानोंमें

  1. गांधीजी हासनसे ४ अगस्तकी शामको लौंटे थे।