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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

इस पत्रको लिखनेका मुख्य उद्देश्य यह सुझाव देना है कि साम्राज्यीय नागरिक संघ (इम्पीरियल सिटिजनशिप एसोसिएशन) उन्हें दक्षिण आफ्रिकामें शैक्षणिक कार्यों तथा ऐसे ही अन्य प्रयोजनोंपर खर्च करनेके लिए एक मोटी थैली भेंट करे । आपने सम्भवतः सामाजिक . . . के[१] लिए श्री शास्त्रीकी अपील देखी होगी। इस सबमें श्री एन्ड्रयूज भी शामिल रहे हैं। इसमें कोई सन्देह नहीं है कि दक्षिण आफ्रिकाके हमारे भाइयोंको खुद ही साधन ढूंढ़ने चाहिए, लेकिन उनकी क्षमता और इच्छा-शक्ति दोनों ही सीमित हैं । यहाँसे भेजी जानेवाली किसी भी सहायतासे वहाँके कार्यकर्त्ताओंका उत्साह बढ़ेगा और श्री शास्त्रीके हाथ मजबूत होंगे। और मैंने श्री एन्ड्रयूजको सार्व- जनिक रूपसे थैली भेंट करनेका जो सुझाव दिया है वह इसलिए कि जन-भावनाके प्रदर्शन की दृष्टिसे इसका जो महत्त्व है, वह अधिक उजागर हो सके। बल्कि अपने लेखमें तो मैंने निगमको यह सुझाव भी दिया है कि वह कोई बेशकीमती मंजूषा भेंट करनेके बदले थैली भेंट करनेका ही निर्णय करे, बशर्ते कि उसके नियमोंके मातहत ऐसा किया जा सकता हो ।

मैं इस पत्रकी एक प्रति श्री नटराजन्को भेज रहा हूँ ।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

अंग्रेजी (एस० एन० १२३६९ ) की फोटो - नकलसे ।

२७८. पत्र : के० एस० नटराजन्‌को

कुमार पार्क,बंगलोर
९ अगस्त, १९२७

प्रिय श्री नटराजन्,

मैं साथ में श्री पेटिटको लिखे अपने पत्रकी नकल आपके विचारार्थ भेज रहा हूँ । पत्रमें सारी बातें स्पष्ट हैं, अलगसे कुछ कहने की जरूरत नहीं ।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

श्रीयुत के० एस० नटराजन्
बम्बई

अंग्रेजी (एस० एन० १२३६९ ) की फोटो नकलसे ।

  1. साधन-सूत्रमें यहां कुछ स्थान रिक्त है।