पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 34.pdf/३६३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

२७९. पत्र : कोण्डा वकटप्पैयाको

कुमार पार्क,बंगलोर
९ अगस्त, १९२७

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला । आपने जिन कागजातका उल्लेख किया है, उन्हें महादेव अभीतक मेरे सामने नहीं रख सके हैं; क्योंकि उन्होंने मुझे अत्यन्त व्यस्त पाया है।

स्याहीकी जाँच करके आपको अपना मत बताऊँगा ।

आपकी पुत्रीका स्वास्थ्य कैसा है और उसकी पढ़ाई कैसी चल रही है ? उसे किसी दिन आश्रम अवश्य आना चाहिए।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत कोण्डा वेंकटप्पैया
गुंटूर

अंग्रेजी (एस० एन० १४२१२) की माइक्रोफिल्मसे ।

२८०. पत्र : ई० एस० पटवर्धनको

कुमार पार्क,बंगलोर
९ अगस्त, १९२७

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला । मैं इसे सेठ जमनालालजीको भेज रहा हूँ और उन्हें लिख रहा हूँ कि इस मामलेपर वे सावधानीपूर्वक विचार करें और जो कुछ उचित तथा सम्भव समझें, करें। इससे आगे जाकर मुझे उनपर कोई जोर नहीं डालना चाहिए।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

श्रीयुत ई० एस० पटवर्धन

अध्यक्ष
तिलक विद्यालय

नागपुर

अंग्रेजी (एस० एन० १४२१५ ) की माइक्रोफिल्मसे ।