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२८९. एक और खादी भण्डार

शिमोगाकी खद्दर सहकारी समिति लिमिटेडके अवैतनिक मन्त्रीने लिखा है कि कर्नाटकके खादी भण्डारोंमें, इस समिति द्वारा शिमोगामें चलाया जानेवाला खादी भण्डार भी शुमार होना चाहिए। यह भण्डार अभी हालमें ही खोला गया है । इस भण्डारका उल्लेख करते हुए मुझे बड़ी खुशी हो रही है लेकिन मैं सभी नये भण्डारों को आगाह किये देता हूँ कि इन्हें व्यापारिक पद्धतिपर चलाया जाना चाहिए और इनका संचालन उन लोगोंके हाथों में होना चाहिए, जिन्हें खादीको बिक्रीकी कलाकी थोड़ी-बहुत जानकारी हो । हर कोई खादी भण्डारको सफलतापूर्वक नहीं चला सकता; जिन लोगोंने कपड़ेकी दुकानें चलाई हैं, उनमें से भी हर कोई उसे नहीं चला सकता । खादी भंडार के व्यवस्थापकको खादीकी भिन्न-भिन्न किस्मोंकी जानकारी होनी चाहिए, और उसे असली और नकली खादीकी पहचान होनी चाहिए। उसे लोगोंके सामने खादीको इस तरह पेश करनेकी कला भी आनी चाहिए कि वे सहज ही उसके प्रति आकृष्ट हों; और सबसे जरूरी बात तो यह है कि उसे बहुत ईमानदार होना चाहिए। शिमोगा भण्डार-जैसे अन्य भण्डारोंको भी मैं पूरे ब्योरेके साथ अपने-अपने नाम मन्त्री, अखिल भारतीय चरखा संघ, अहमदाबाद के पास भेजनेको आमन्त्रित करता हूँ।

[ अंग्रेजीसे ]

यंग इंडिया, ११-८-१९२७

२९०. दक्षिण आफ्रिकावासी भारतीय

भारतके प्रथम राजदूत एक भी क्षण बरबाद किये बिना अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए जी-तोड़ परिश्रम कर रहे हैं। वे कभी यूरोपीयोंको तो कभी अधिवासी भारतीयों- को समयानुकूल और प्रसंगोचित शब्दोंमें समझाते हुए बड़ी लगनसे सच्ची एकताके बीज बोने में जुटे हुए हैं; और ऐसा लगता है कि इन दोनों समुदायोंके बीच वे काफी सफल भी हो रहे हैं। यूरोपीय लोग बड़ी शालीनताके साथ उनकी अद्भुत योग्यता और सराहनीय निष्पक्षताको स्वीकार करते हैं। और भारतीय लोग, भारत के इस सपूत द्वारा कही एक-एक बात के पीछे जो अपार चारित्रिक बल होता है, उसे कृतज्ञताके साथ स्वीकार करते हैं ।

अब उन्होंने भारतीय अधिवासियोंसे सार्वजनिक स्वास्थ्य, सफाईके लिए सामाजिक कार्यकर्त्ताओंका एक दल तैयार करनेकी अपील की है। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि उनकी अपीलको अनसुना नहीं किया जायेगा, और वहाँके धनी-मानी तथा शिक्षित भारतीय उसका उत्तर उसी उत्साह के साथ देंगे जिस उत्साहके साथ उन्होंने कुछ महीने पूर्व डर्बन में सी० एफ० एन्ड्रयूज द्वारा की गई अपीलका उत्तर दिया था। यह