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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

बीमार है; उसकी देखभाल करनेके लिए तुम अपने आरामका त्याग करती हो और बीमारकी परिचर्याका काम सीखती हो तो यह समाज सेवा होगी। इन उदाहरणोंको समझकर तुम समाज-सेवाके अन्य अनेक उदाहरणोंकी कल्पना कर सकती हो और अपनी शक्ति के अनुसार समाज-सेवाके क्षेत्रका विस्तार कर सकती हो । यदि मणिलाल हिन्दुस्तान से डरकर आफ्रिकामें मौज करनेके लिए रहता हो तो यह स्वार्थ हुआ । किन्तु बाप जो पत्र चलाता था वह अच्छा था, उसे चलाते रहनेसे देशको लाभ होगा -- इस दृष्टिसे धन-संग्रह करनेकी इच्छा रखे बिना देशसे बाहर रहता हो और तुम्हें भी वहाँ इसी दृष्टिसे रख रहा हो तो वह भारी समाज-सेवा कर रहा है और उसमें तुम्हारा भी पूरा योग माना जायेगा ।

हम आज मैसूर राज्य के एक दूरवर्ती स्थान में आये हुए हैं । यहाँसे साठ मील दूर इनान्डाके प्रपात जैसा ही पर उससे बड़ा एक प्रपात है । कल सब लोग उसे देखने जायेंगे । देवदास बंगलोर में ही रह गया था; वह दूसरे साथियोंके साथ आज शामको आयेगा । हम चार दिनतक यहाँ पैसा इकठ्ठा करनेके बाद बंगलोर जायेंगे । इस महीने के अन्त में हम मैसूर राज्यकी सीमा लाँघकर तमिल प्रदेशमें प्रवेश करेंगे ।

मेरी तबीयत ठीक होती जा रही है। ऐसा नहीं लगता कि मैं दिसम्बरके अन्ततक आश्रम पहुँच सकूंगा । उसके बाद जनवरीमें तो वहाँ जाना ही है । क्योंकि मास के अन्त में बसन्त पंचमी है और उस दिन रामदासका विवाह होना निर्धारित हुआ है। नीमू सुशीलाकी तरह समझदार है या नहीं और तुम्हें जैसा योग्य साथी मिल गया है रामदासको वैसा ही योग्य जीवन-साथी देकर उसे कैद कर पाती है या नहीं, यह तो अभी देखना बाकी है। नीमू समझदार तो है पर समझदारीकी भी सीढ़ियाँ होती हैं । तुम दोनोंमें कितना अन्तर है, कौन किससे बढ़कर है, यह तो भविष्य ही बतायेगा । मेरी तो यही इच्छा है कि तुम दोनों शिखरतक पहुँचो और तुम चारों एक-दूसरेकी धर्मनिष्ठामें वृद्धि करते रहो और सेवा-यज्ञमें सबसे आगे बढ़ो। रामदास बाढ़-निवारण कार्य में सहायता देने गया हुआ है ।

बापूके आशीर्वाद

गुजराती (जी० एन० ४७२५ ) की फोटो - नकलसे ।