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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

तो बीस मुनक्के ले लीजिए। मुनक्के धोकर अच्छी तरह चबाइए । फिर दस बजे या बारह बजे दोपहर या जिस समय भी आप भोजन करते हों उस समय थोड़ी-सी चपाती और अच्छी तरह साफ की हुई उबली सब्जी बिना नमकके लीजिए। इससे अधिक कुछ नहीं । और शामको रात होने से पहले सुबहके बराबर ही दूध और सब्जीके साथ या उसके बिना चपाती खाइए। अगर आप सब्जी नहीं लेते तो मुनक्के या ताजा फल ले सकते हैं। यदि आप चपाती बनाना नहीं जानते, तो सीख लीजिए । कोई भी हरी सब्जी ले सकते हैं। सब्जी श्वेत सारवाली नहीं होनी चाहिए। यदि हरी सब्जी नहीं मिल सकती तो आप आलू या कोई और श्वेत सारवाली सब्जी भी ले सकते हैं, लेकिन उसमें ताजे नींबू का रस मिला दीजिए। चीनी और मसालोंसे दूर रहिए । पेट साफ रखिए। रातको सोते समय मिट्टीकी पट्टी बाँधिए ।

मेरी पुस्तकें 'गाइड टु हेल्थ' और 'सेल्फ-रिस्ट्रेन्ट वर्सस सेल्फ इनडलजेन्स' पढ़नेसे शायद आपको लाभ होगा ।

रात या दिनके समय जब भी स्खलन हो, आपको तुरन्त ठंडे पानी से कटि- स्नान करना चाहिए । कुछ भी हो जाये, आपको हस्तमैथुन नहीं करना चाहिए । थोड़ी-सी भी उत्तेजना महसूस होनेपर आपको तुरन्त बिस्तर छोड़कर तेजीसे टहलने लगना चाहिए। उस समय अपनी मुट्ठियाँ इतनी जोरसे भींचकर रखिए जैसे किसीको घूंसा मारने जा रहे हों । कमसे कम आधा घंटा चरखेको दोजिए और उस समय अपना सारा ध्यान इस पुण्य कार्यपर केन्द्रित करनेका प्रयत्न कीजिए, और विनम्रता- पूर्ण त्यागकी भावनासे कताई कीजिए। इससे आपमें दृढ़ता आयेगी । अपना स्वास्थ्य बनाने और पिछले जीवनसे नाता तोड़नेका मनमें दृढ़ संकल्प कीजिए। पिछली बातोंको बारबार मत सोचिए, उनको भूल जाइए और यदि स्खलन हो तो निराशाको मनमें स्थान मत दीजिए बल्कि अपने मनको उसमें कोई भी योग देनेसे पूरी दृढ़ताके साथ रोकिए। अपना मन निरन्तर उच्चादर्शपूर्ण विचारोंमें लगाये रखिए, अपने बारेमें उसे सोचने ही मत दीजिए ।

हृदयसे आपका,

आर० बी० टी०
बनारस

अंग्रेजी (एस० एन० १९८०४ ) की फोटो नकलसे ।