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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

५. चूंकि मुझे मालूम नहीं कि मैसूरमें शिक्षा-शुल्क कितना और किन लोगोंपर लगता है, इसलिए में इस प्रश्नका उत्तर नहीं दे सकता ।

६. जनताकी सहानुभूति और उसका समर्थन तो केवल उद्योग विभागकी ओरसे प्रचार करके ही प्राप्त किया जा सकता है, ठीक उसी तरह जैसा कि सहकारिताके बारेमें किया गया और किया जा रहा है। हाथ कताई वास्तवमें सहकारिताके लिए सबसे अधिक सहायक है ।

७. चूंकि सरकार द्वारा चलाई जानेवाली आदि कर्नाटकोंकी सभी कताई-शालाओं में बुनाई घर मौजूद हैं, इसलिए पाठशालाओंमें तैयार होनेवाला सारा सूत बुनाईके लिए वहीं भेजा जाना चाहिए और उन बुनाई-घरों द्वारा सूत तैयार करनेवाली पाठशालाओं- को इस सूतकी एक निश्चित कीमत अदा की जानी चाहिए।

यदि आप इस मामलेमें सचमुच इतना उत्साह रखते हैं और इस बात में आपका दृढ़ विश्वास है कि कताईको सार्वजनीन बनानेकी परम आवश्यकता है तो आपको हाथ - कताईकी प्रविधिके अध्ययनपर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए। यदि आप पूरा समय लगायें तो महीने भर में और यदि रोजाना कम से कम एक घण्टा लगायें तो तीन महीनेमें इसे आसानीसे सीख सकते हैं। यह प्रश्न उठानेसे पहले इतना कर लेना जरूरी है । विधान सभा में प्रश्न उठाने और सरकारपर दोष मढ़ने या उसपर पूरी जिम्मेदारी डाल देने भरसे कुछ हासिल नहीं होगा । उससे उद्देश्यको हानि ही पहुँच सकती है । कारण यह कि सरकार तो आसपास के वातावरणके मुताबिक ही कुछ कर सकती है । और आखिर सरकारको जो भी रूप जनता देती है, वही तो है । जनतासे अलग कोई शक्ति या क्षमता तो उसके पास होती नहीं ।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत बी० गोपालाचार

आर० ए० सदस्य,
तीर्थहल्ली

जिला शिमोगा

अंग्रेजी (एस० एन० १९८०५ ) की माइक्रोफिल्म से ।