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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

आपके माता-पिता आश्रम जानेकी अनुमति दे दें तो भी आपको इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए ।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी (एस० एन० १२६३४-ए०) की माइक्रोफिल्मसे ।

३६०. पत्र : टी० आर० महादेव अय्यरको

कुमार पार्क, बंगलोर
२३ अगस्त, १९२७

प्रिय मित्र,

मुझे एक पत्र मिला है, जिसकी एक प्रति साथमें भेज रहा हूँ । मेरा यह खयाल है कि अब आपको सम्पत्तिका कब्जा चुपचाप छोड़ देना चाहिए । कृपया मुझे अपना निश्चय बताइए, जिससे में उन्हें लिख सकूँ ।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी (एस० एन० १२९३८) की माइक्रोफिल्मसे।

३६१. पत्र : कृष्णदासको

कुमार पार्क, बंगलोर
२३ अगस्त, १९२७

प्रिय कृष्णदास,

तुम्हारा पत्र मिला । तुम दुविधामें न रहो इस खयालसे मैंने तुम्हें एक तार भेजा है। गणेशन्को अंग्रेजी पाण्डुलिपि[१] देनेका हमपर एक नैतिक दायित्व है। इसलिए पाण्डुलिपि उन्हें मिलनी ही चाहिए। लेकिन, शर्तें बिलकुल उचित हैं। उनपर मैं गणेशन्- के साथ बातचीत करूँगा और सब-कुछ तय हो जानेपर पाण्डुलिपि उन्हें दे दूंगा । सौदा पट सके, इसके लिए आवश्यकता हुई तो मैं उनमें फेरबदल भी कर दूंगा।

बँगला पाण्डुलिपि तो तुम्हारे पास है ही। इसलिए वहां तुम्हें कुछ व्यवस्था करनी पड़ेगी।

हम ३०की सुबह यहाँसे वेल्लूरके लिए रवाना हो जायेंगे ।

हृदयसे तुम्हारा,

अंग्रेजी (एस० एन० १९७७१) की माइक्रोफिल्मसे ।

  1. सेवन मंथ्स विद महात्मा गांधीकी पाण्डुलिपि ।