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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

तालाबसे पानी लेनेका हमारे बराबर ही अधिकार है। यहाँ उपस्थित श्रोताओंमें यदि कोई अस्पृश्यतामें विश्वास करता है, तो मुझे पूरी आशा है कि वह भी अपने विश्वासके औचित्यपर फिरसे विचार करेगा और इस बातको भली-भांति समझ लेगा कि हिन्दू धर्मको ऐसा अभिशाप अपने सिर मोल लेनेकी कतई जरूरत नहीं।

शराबखोरीका सवाल भी इतना ही, या कहिए, लगभग इतना ही महत्त्व रखता है। मैंने जो 'लगभग' शब्दका प्रयोग किया है वह ऐसा मानकर नहीं कि जिस व्यक्तिको शराबखोरी छोड़नी है, उसके लिए इसकी कोई कम अहमियत है। इस शब्दका प्रयोग मैंने इसलिए किया है कि अस्पृश्यताकी तुलनामें शराबखोरीकी लतवाले व्यक्तियोंकी संख्या कहीं कम है। जिन लोगोंको शराबखोरी की आदत नहीं, उनको भी तबतक चैनकी साँस नहीं लेनी चाहिए जबतक कि उनका एक भी पड़ोसी इसका शिकार बना रहे। इसके चक्कर में फँसे अपने भाइयोंको इस आदत- से छुटकारा दिलाने के लिए आपको, आप जितने भी प्रेमपूर्ण और विनम्र उपायोंसे काम ले सकते हैं, लेना चाहिए। यदि आपकी जगह में होऊँ, तो मुझे तबतक सन्तोष नहीं हो जबतक कि देश में पूर्ण मद्यनिषेध न हो जाये । यदि आपकी जगह मैं होऊँ तो मैं मन्त्रीको तबतक चैन न लेने दूं जबतक कि वे इस समस्याको गम्भीरतापूर्वक और ईमानदारीके साथ हाथमें न ले लें।

अब मैं आपका ज्यादा समय नहीं लूंगा। हमें अभी कुछ काम निबटाना है। आपने मुझे यह सुन्दर मंजूषा दी है। जिला बोर्ड और नगरपालिकाके मानपत्रोंसे अंकित चाँदीकी ये पत्रिकाएँ भी मुझे भेंट की गई हैं। अब तो भारत-भरके लोग भली-भाँति जानते हैं कि इन वस्तुओंको रखने लायक कोई स्थान मेरे पास नहीं है और में अपनी प्रतिज्ञा- के कारण कोई भी पार्थिव सम्पत्ति अपने पास नहीं रख सकता। मैं यह मानता हूँ कि आपने ये वस्तुएँ मुझे इसीलिए दी हैं कि मैं इनको आपके ही सामने नीलाम करके दरिद्रनारायणके लिए कुछ और पैसा जमा कर सकूं। इसलिए इनको नीलाम किया जायेगा, और आशा है कि आप सभी लोग यथाशक्ति ऊँचीसे-ऊँची बोली बोलेंगे। हो सकता है कि सभी लोग इसके लिए तैयार होकर, इतना पैसा जेबमें डालकर न आये हों। उनके लिए एक और रास्ता भी है। मैं जानता हूँ कि यहाँ उपस्थित सभी स्त्री-पुरुषोंने इस थैलीके लिए पैसा नहीं दिया है। और जिन्होंने दिया है, उनमें भी कई ऐसे हो सकते हैं जिन्होंने अपनी शक्ति-भर न दिया हो। इसलिए आप इस सभामें जितना भी दे सकते हैं उतना देनेकी सुविधा प्रदान करनेके लिए अभी तुरन्त स्वयंसेवक आपके पास जायेंगे और चन्दा जमा करेंगे। आशा है कि जो लोग समर्थ हैं और कताई तथा खद्दर में विश्वास रखते हैं, वे चन्दा देनेसे हाथ नहीं खींचेंगे। भारत- भरमें बहनोंने आगे बढ़कर अपने जेवर दिये हैं। मैं चाहता हूँ जो भी दे सकते हों वे सभी दरिद्रनारायणकी खातिर अवश्य दें। स्वेच्छासे दी हुई एक पाई भी सोनेकी मोहर जितना महत्त्व रखती है। आपकी भेंटों और मानपत्रोंके लिए मैं आपको एक बार फिर धन्यवाद देता हूँ।

[ अंग्रेजीसे ]

हिन्दू, २-९-१९२७