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पत्र: कुवलयानन्दको

उत्तर मिलने तक उसे बन्द रखूंगा । और अगर आपको ऐसा लगे कि में बहुत आगे बढ़ गया हूँ तब तो हर हालत में उसे छोड़ ही दूंगा । एक और भी आसन है जो में बिल्कुल तो नहीं, फिर भी काफी नियमित रूप- से करता रहा हूँ । जब मैं पेचिशके बाद अपना स्वास्थ्य सुधार रहा था और आजकी बनिस्बत काफी कमजोर था, तब यह आसन किया करता था । इसमें पैरोंको धड़- परसे समकोण बनाते हुए ऊपर उठाना पड़ता है और दो-तीन मिनटतक उन्हें इसी स्थिति में रखना पड़ता है। यह चलने-फिरनेके बाद होनेवाली थकावटको दूर करनेको लिए किया जाता है । उसके बाद धड़ उसी प्रकार बिस्तरपर रहे, इसका ध्यान रखते हुए मैं दोनों पैरोंको उसी तरह सीधी अवस्थामें बिना किसी कष्टके सिरकी ओर जहाँतक झुका सकता हूँ वहाँतक झुकाता हूँ । यह आसन में पेटके लिए किये जानेवाले मांसपेशियोंके व्यायामको बल देनेके लिए करता हूँ । मेरा खयाल है, मैं आपसे कह भी चुका हूँ कि यह आसन मुझे डॉ० केलकरने बताया था, जिन्हें आप शायद जानते हैं । वे मुझे बराबर लिखते रहे हैं कि मैं यह आसन करता रहूँ। पैरों को सीधा और धड़पर समकोणावस्था में रखना और फिर उन्हें धीरे-धीरे सिरकी ओर ले जाना, ये दोनों चीजें मुझे लाभदायक मालूम पड़ रही हैं। कोई थकावट नहीं रह जाती है और पैरोंको सिरकी ओर झुकाने की क्रिया करनेके बाद आंतोंके आस-पास ऊपरकी ओर मैं एक प्रकारकी गतिका अनुभव करता हूँ ।

मैं अभी तक सुबह गरम पानी और नमक नहीं लेता क्योंकि एनिमा ले रहा हूँ और अब में आधे घंटे तक पानीको अन्दर रख पाता हूँ । लेकिन, नाकसे गिलास - भर पानी जरूर पीता हूँ । इस तरह नाक द्वारा पानी पीने में आधेसे कुछ कम पानी गिर जाता है । इसलिए मेरा खयाल है, मुँह धोनेके बाद इस तरह मैं करीब ४ औंस पानी ले लेता हूँ ।

सुबह-शाम घूमना तो चलता ही है - दोनों वक्त ४०-४० मिनट । लेकिन, जब मैंने बंगलोर आनेपर घूमना शुरू किया था, उस समयकी अपेक्षा अब इतने ही समय में अधिक दूरी तय कर लेता हूँ। दोनों वक्त दो-दो मील तो घूम ही लेता हूँ ।

अभीतक दो छोटे चम्मचसे अधिक पिघला हुआ मक्खन लेनेकी हिम्मत नहीं करता । मेरा खयाल है, मैं आपको बता चुका हूँ कि दूधकी मात्रा बढ़ाकर ३० से ४० औंस कर दी है । भाखरी या दो औंस जईका दलिया चल रहा है ।

मैं आपकी मूल टिप्पणियाँ साथमें भेज रहा हूँ । इन्हें फिर मेरे पास भेजने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनमें लिखी बातें मुझे याद रहेंगी। आगे भी जो हिदायतें भेजना आपको जरूरी लगे, भेजनेकी कृपा करें ।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत कुवलयानन्दजी

कुंजवन

लोनावला

अंग्रेजी (जी० एन० ५०४८) की फोटो नकल तथा एस० एन० १२५९६ से भी ।