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सम्पूर्ण गांधी वाङमय

कुछ मुलाकाती बैठे हों या आ रहे हों तो उसका बुरा नहीं मानेंगी। इस तरह आप किसी भी दिन बिना पूर्व-सूचनाके आ सकती हैं। लेकिन, अगर आपकी तबीयत ठीक न हो तो आने की परेशानी न उठायें। उससे मुझे कोई गलतफहमी नहीं होगी। हम दोनों ही बीमारीसे ठीक होकर स्वास्थ्य लाभ करने में लगे हुए हैं और जो भी हो, अब चूँकि मुझे मालूम हो गया है कि आप कौन हैं, इसलिए हम दोनोंके बीच किसी प्रकार की औपचारिकताकी आवश्यकता नहीं है ।

हृदयसे आपका,

श्रीमती फीरोजा पी० एस० तलयारखाँ

३, रेजिडेंसी रोड

बंगलोर

अंग्रेजी (एस० एन० १४१६३) की फोटो - नकलसे ।

१९. पत्र : साँगली इंडस्ट्रियल एंड एग्रिकल्चरल स्कूलके प्रिन्सिपलको

कुमार पार्क,बंगलोर
१८ जून,१९२७

प्रिय भाई,

पूरी जानकारी देते हुए आपके विस्तृत पत्रके लिए धन्यवाद । अब एक ही जिज्ञासा है, जिसका उत्तर भेज सकें तो कृपा होगी। क्या जानदार (फर्टिलाइज्ड ) और बेजान अंडोंके पोषक तत्त्वोंके अनुपात में कोई अन्तर भी है ? अपने स्कूलमें आप क्या पशु-पालन और दुग्ध व्यवसाय आदि की भी शिक्षा देते हैं ?

हृदयसे आपका,

प्रिंसिपल

सांगली इंडस्ट्रियल एंड एग्रिकल्चरल स्कूल

साँगली

अंग्रेजी (एस० एन० १४१६४ ) की फोटो- नकलसे ।