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९९. श्रद्धांजलियाँ'

स्वर्गीय लॉर्ड सिन्हा

भारतवर्षके इस सम्मानित सेवकके सम्मानमें अर्पित अनेकों श्रद्धांजलियोंके साथ- साथ मैं भी अपनी श्रद्धांजलि सादर अर्पित करता हूँ | नये भारतके निर्माणमें योग देनेवाले सेवकोंकी सेवाओंका जब कभी मूल्य आंका जायेगा, लॉर्ड सिन्हाकी सेवाएँ बहुमूल्य गिनी जायेंगी। सभी राजकीय बातों में उनकी सलाह हमेशा ली जाती थी और उसकी बड़ी वकत की जाती थी। लॉर्ड सिन्हाको मृत्युसे देश और भी गरीब हो गया है।

एक महान सुधारक

सर रमणभाई नीलकंठकी मृत्युसे गुजरातके जन-जीवनका एक अत्यन्त सच्चरित्र व्यक्ति, अत्यन्त उत्साही और निर्भीक सुधारक, असाधारण एक-निष्ठ समाज सेवी और गुजराती साहित्यको एक स्थायी देन देनेवाला विद्वान उठ गया है। असंख्य गुजरातियोंके साथ-साथ मैं भी शोक संतप्त परिवारके प्रति सादर समवेदना व्यक्त करता हूँ ।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, ८-३-१९२८

१००. बारडोली और सरकार

बारडोली ताल्लुकेके लगानके सम्बन्ध में श्रीयुत वल्लभभाई पटेल और बम्बईकी सरकारके बीच सम्बन्धित विषयपर प्रकाश डालनेवाला जो पत्रव्यवहार हुआ है, वह सार्वजनिक कार्यकर्त्ताओंके लिए काफी कुछ सोचने विचारनेकी सामग्री प्रदान करता है और हम जिस सरकारके अधीन रह रहे ह उसके रवैयेपर सही प्रकाश डालता है। वल्लभभाई प्रसिद्ध व्यक्ति हैं और सरकारमी उन्हें मली-मांति जानती है। सरकारको महान क्षमतासम्पन्न सत्यनिष्ठ और परिश्रमी सार्वजनिक कार्यकर्ताके रूप में उनकी योग्यता स्वीकार करनेके लिए बाध्य होना पड़ा है। सरकारने अहमदाबाद नगरपालिकामें उनके महान कार्यको मान्यता दी है। अभी उस दिन ही गुजरातमें आई बाढ़ोंके सम्बन्धमें मानव कल्याण सम्बन्धी सेवाओंके लिए उनकी अपरिमित प्रशंसाकी गई ।

परन्तु जब सरकारने देखा कि वे ऐसे काममें लगे हैं, जिसका अभिप्राय सरकारको उलझनमें डालना और शायद उसकी प्रतिष्ठाको हानि पहुँचाना है, और

१. देखिए "टिप्पणियाँ ", ११-३-१९२८ भी।