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१२६. पत्र : अ० टे० गिडवानीको

सत्याग्रह आश्रम
साबरमती
१६ मार्च, १९२८

प्रिय गिडवानी,

मैं देखता हूँ कि आप तो काममें जुट ही गये हैं। ब्रजकृष्णने, जो आपका पत्र मिलनेके समय यहाँ थे, वायदा किया है कि वह दिल्ली पहुँचनेके बाद आपको एक सज्जनका नाम और पता भेजेंगे। वह आज गया है और दो दिनोंमें उसके दिल्ली पहुँच जानेकी आशा है ।

अब आप मुझे गंगाबहनसे पत्र अवश्य लिखवाइए। मुझे आशा है कि आप सबका स्वास्थ्य जैसा वृन्दावनमें था, उससे ज्यादा अच्छा रहेगा।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत अ० टे० गिडवानी
६ क्वीन्स रोड
कराची

अंग्रेजी (एस० एन० १३१०७) की फोटो--नकलसे।

१२७. पत्र : वी० एस० भास्करनको

सत्याग्रह आश्रम
साबरमती
१६ मार्च, १९२८

प्रिय भास्करन,

आपका पत्र मिला । यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मामला सुलझ गया है और आपको कोई खास धन-हानि नहीं उठानी पड़ेगी ।

आशा है कि आपको राजाजीकी ओरसे सन्तोषजनक पत्र मिलेगा ।

अब आप क्या कर रहे हैं ?

हृदयसे आपका

अंग्रेजी( एस० एन० १३१०८ )की माइक्रोफिल्मसे ।