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धर्म-संकट

मुझे यह लेख लिखते हुए भी अपने प्यारे पतिके लिए विलाप करती हुई उनकी विधवाकी सिसकी सुनाई पड़ रही है, मगर वह क्या समझेगी कि उससे अधिक अनाथ मैं ही हो गया हूँ ? अगर ईश्वरमें मेरा जीवन्त विश्वास न होता तो आज मैं उनकी मृत्युके शोकमें बिलकुल पागल हो गया होता। वह मुझे अपने सगे पुत्रोंसे भी अधिक प्रिय थे उन्होंने मुझे कभी धोखा नहीं दिया, मेरी आशाएँ नहीं तोड़ी, वह अध्यवसाय की मूर्ति थे, वह आश्रमके भौतिक, नैतिक और आध्यात्मिक सभी अंगोंके सच्चे प्रहरी थे। उनका जीवन मेरे लिये प्रेरणादायक है, नैतिक नियमकी अमोघता और उच्चताका ज्वलन्त उदाहरण है। उन्होंने अपने ही जीवनमें मुझे एक दो दिनों में नहीं कुछ महीनों में नहीं, बल्कि पूरे चौबीस वर्षों तककी लम्बी अवधि में - हाय जो अब घड़ी भरका समय जान पड़ता है यह साबित कर दिखलाया कि देश-सेवा, मनुष्य-सेवा और आत्म-ज्ञान या ब्रह्म-ज्ञान आदि सभी शब्द एक ही अर्थके द्योतक हैं।

मगनलाल नहीं रहे, मगर अपने सभी कामोंमें वे जीवित हैं, जिनकी छाप आश्रमके कण-कण में कोई भी देख सकता है।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया २६-४-१९२८


३१८. धर्म-संकट

उपर्युक्त सारांश एक युवकके हृदयद्रावक पत्र [१]का है जिसे में कई सालसे जानता हूँ। उसने अपना पूरा नाम और पता पत्रमें दिया है। अपना नाम देते हुए वे डरते थे। इसलिए, वे लिखते हैं कि, 'यंग इंडिया' के पृष्ठोंमें चर्चा की जा सके इस आशासे उन्होंने मुझे दो गुमनाम पत्र लिखे थे। इस तरहके इतने अधिक गुमनाम पत्र मेरे पास आते रहते हैं कि मैं उनपर चर्चा करनेमें हिचकता हूँ। उसी तरह इस पत्रपर भी चर्चा करनेमें मुझे बहुत झिझक हो रही है, हालांकि मैं जानता हूँ कि यह पत्र ईमानदारीसे लिखा गया है और एक प्रयत्नशील पुरुषका लिखा हुआ है। यह विषय ही इतना नाजुक है। मगर मैं तो दावा करता हूँ कि ऐसे मामलोंका मुझे काफी अनुभव है। ऐसा दावा करते हुए और खासकर इसलिए कि कई ऐसे ही मामलोंमें मेरे बताये तरीकेसे लोगोंको आराम मिला है, मैं इस स्पष्ट कर्त्तव्यके पालनसे मुंह नहीं मोडूंगा

जहाँ तक अंग्रेजी पढ़े लिखे लोगोंसे सम्बन्ध है, भारतकी स्थिति दुगुनी मुश्किल है। सामाजिक योग्यताओंकी दृष्टिसे पति-पत्नीके बीच इतना बड़ा अन्तर होता है कि जिसे मिटा सकना प्रायः असम्भव होता है। कुछ नवयुवक यह सोचते जान पड़ते हैं कि हमने अपनी पत्नियोंकी परवाह न करके ही यह सवाल हल कर लिया है; यद्यपि उन्हें पता है कि उनकी बिरादरीमें तलाक सम्भव नहीं है और इसलिए

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