३२२. पत्र: मुहम्मद हबीबुल्लाको
आश्रम
साबरमती
२६ अप्रैल, १९२८
आपके और मेरे दोनों हीके मित्र श्री शास्त्रीके कहनेपर मैं आपको उन समुद्री तारोंकी प्रतियाँ भेज रहा हूँ जो हम दोनों के बीच आये गये हैं। अपने समुद्री तार [१] में मैंने जो रुख अपनाया है यदि उसमें आपको कोई बात गलत मालूम दे तो कृपया उसके सम्बन्धमें मुझसे स्पष्टीकरण मांगनेमें संकोच न करें।
यद्यपि मैं तारोंके जरिये हुई इस सारी बातचीतको अत्यन्त गोपनीय मानता हूँ, मैं इसकी प्रतियाँ श्री एन्ड्रयूजको, जो दक्षिण आफ्रिकावासी हमारे देशवासियोंकी स्थितिसे सम्बन्धित मामलोंके बारेमें सब कुछ जानते हैं, भेज रहा हूँ ।
हृदयसे आपका,
माननीय सर मुहम्मद हबीबुल्ला
सदस्य, वाइसराय परिषद
अंग्रेजी (एस० एन० ११९७७) की फोटो-नकलसे ।
३२३. पत्र : सी० एफ० एन्ड्रयूजको
आश्रम
साबरमती
२६ अप्रैल, १९२८
मगनलालके सम्बन्धमें तुम्हारा और गुरुदेवका भी तार मिला। मेरे जीवनकी शायद यह सबसे बड़ी परीक्षा है। पर अभीतक ऐसा ही लग रहा है कि जिस प्रभुने मुझे इस कठिन परीक्षामें डाला है वही मुझे इसमें से पार उतरनेकी भी शक्ति दे रहा है।
अतः, अब कामकी बातपर आता हूँ। मेरे और शास्त्रीजीके बीच समुद्री तारोंका जो आदान-प्रदान हुआ है, उसकी प्रतियाँ इस पत्रके साथ भेज रहा हूँ। अपने
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