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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

उत्तरमें मैंने कहीं गलती की हो तो बताना । यदि तुम्हारे पास जुलाई १९१४ में मेरे दक्षिण आफ्रिकासे चले आनेके बाद के वे कागज हों जिनका जिक्र शास्त्रीने अपने आजके समुद्री तारमें किया है, तो उन्हें रजिस्ट्रीसे भेज देना । विशेषकर १९१५ के बन्दोबस्त सम्बन्धी कागज तथा हालका विधेयक ।

सी० एफ० एन्ड्रयूज
शान्तिनिकेतन

अंग्रेजी (एस० एन० ११९७८) की फोटो-नकलसे ।

३२४. पत्र: एस० गणेशनको

आश्रम
साबरमती
२६ अप्रैल, १९२८

प्रिय गणेशन,

'दक्षिण आफ्रिकामें सत्याग्रहका इतिहास' की भूमिका[१] भेज रहा हूँ ।

श्रीयुत देसाईकी यह इच्छा है कि आप पूरी पुस्तककी प्रूफ प्रति, आवरण तथा सब कुछ जिस रूपमें प्रकाशित होना है, भेजें; और यह सब कुछ प्रतियोंकी जिल्द बनवानेसे पहले ही । उनका कहना है कि आपके यहाँ कार्यालयमें जो व्यक्ति छपाईके कामको देखता है वह अत्यन्त लापरवाह है और वे यह भी कहते हैं कि कभी-कभी उनके किये गये महत्वपूर्ण संशोधन लिये नहीं गये हैं। वे इस बातके लिए बड़े चिन्तित हैं कि इस पुस्तकमें इस तरहकी गलतियाँ नहीं होनी चाहिए।

मैंने आपको पहले ही तारसे [२]सूचित कर दिया है कि आप इसे मगनलाल गांधीको समर्पित कर सकते हैं ।

विज्ञापनके सम्बन्धमें आपका पत्र मुझे मिला । यद्यपि प्रकाशनोंका विज्ञापन करने की इच्छा तो बहुत होती है, लेकिन मुझे लगता है कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए । परन्तु यदि किसी और तरीकेसे यह काम कर सकूंगा, तो मैं अवश्य वह तरीका अपनाऊँगा । आपके हाथसे श्री ग्रेगकी पुस्तक ले लेना शायद एक तरीका है। उसकी लागत क्या है? क्या आपको उन्हें कुछ देना है ?

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी ( एस० एन० १३२०५) की माइक्रोफिल्म से ।

  1. यह भूलसे 'प्राक्कथन' के बदले प्रयुक्त हो गया लगता है। प्राक्कथनके पाठके लिए देखिए खण्ड २९ ।
  2. उपलब्ध नहीं है।