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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

आपके ऊपरसे श्री ग्रेगकी पुस्तकका भार हटा लेनेके सुझावमें मेरा मंशा यह था कि यदि इससे आपको कुछ मदद मिले तो मैं पुस्तकोंको खरीदे जानेका प्रयत्न करूँ ।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी (एस० एन० १३२२१ ए) की माइक्रोफिल्मसे।

३६४. पत्र: एन मेरी पीटर्सनको

आश्रम
साबरमती
११ मई, १९२८

प्रिय पीटर्सन,

आपका पत्र पाकर प्रसन्नता हुई। मैं जानता हूँ कि यदि आपने पत्र नहीं लिखा तो यह स्नेहकी कमीके कारण नहीं वरन् स्नेहकी वजहसे ही । आपके बारेमें मैं अक्सर सोचा करता हूँ ।

यदि मैं इस संसारको ईश्वर विहीन मानूं और यह मानूं कि हम सबकी सृष्टि उद्देश्यहीन है, तो वास्तव में मगनलालकी मृत्यु एक बहुत बड़ा आघात है; परन्तु जब मैं यह देखता हूँ कि प्रत्येक वस्तुमें ईश्वरका हाथ रहता है तो दुःख तुरन्त प्रसन्नतामें बदल जाता है और उससे मुझे अधिक सेवा और अधिक लगनकी प्रेरणा मिलती है।

हृदयसे आपका,

कुमारी मेरी पीटर्सन
कोडाइकनाल

अंग्रेजी (एस० एन० १३२२२) की माइक्रोफिल्मसे ।