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पत्र : मोतीलाल नेहरूको

मेरे खयालसे इस पत्रमें आपके सब प्रश्नोंका जवाब आ गया होगा ।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत टी० बी० केशवराव

प्राणिदया ज्ञानप्रसारक संघ

देवनगिरि, मैसूर राज्य

अंग्रेजी (एस० एन० १३२२३) की माइक्रोफिल्म तथा जी.एन. १६१ से ।

३६९. पत्र: निरंजन सिंहको

[१]

१२ मई, १९२८,

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला । पुस्तकमें से यदि कोई भी अंश न छोड़ा जाये, तो मुझे आपके 'सत्यके प्रयोग ('माई एक्सपेरिमेन्ट्स विद टूथ') का पंजाबी अनुवाद प्रकाशित करनेपर कोई आपत्ति नहीं होगी।

आपका,
मो० क० गांधी

अंग्रेजी (एस० एन० १३२१५) की माइक्रोफिल्मसे ।

३७०. पत्र : मोतीलाल नेहरूको

आश्रम
साबरमती
१२ मई, १९२८

प्रिय मोतीलालजी,

फिलहाल जो एक दिन भी मैं आश्रममें बिताता हूँ मेरे लिये बेशकीमती है; इसलिए मेरा विचार १६ के बजाय १७ को बम्बई पहुँचनेका है। जवाहर इससे पहले मेरे बम्बई पहुँचनेकी आशा नहीं कर रहा है। अपने तारमें आपने मुझे लिखा है कि आप १६ को दोपहर बाद बम्बई पहुँचेंगे । इसलिए यदि आप मुझे इस भारसे सर्वथा मुक्त नहीं कर देते तो जबतक आप यह न चाहें कि मैं १६ को ही बम्बई पहुँचूँ, मैं वहाँ १७ को पहुँचनेकी सोच रहा हूँ ।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी (एस० एन० १३२२४) की फोटो-नकलसे ।

  1. खालसा कालेज, अमृतसर में रसायन शास्त्रके प्राध्यापक।