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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

यूथ पीस' आन्दोलनका है। यह एक अच्छी संस्था द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण आन्दोलन प्रतीत होता है। आप भी इन निमन्त्रणोंके स्वीकार करनेके ओचित्यपर विचार कर सकते हैं।

लक्ष्मीको फिरसे बीमार नहीं ही पड़ना चाहिए ।
अंग्रेजी ( एस० एन० १३०६३) की फोटो-नकलसे ।

३२. पत्र: एल्मर मॉडको

आश्रम
साबरमती
१८फरवरी,१९२८

प्रिय मित्र,

आपके पत्रके लिए धन्यवाद । टॉल्स्टॉयकी कृतियोंको भारतमें लोकप्रिय बनानेके लिए जो कुछ भी मैं कर सकता हूँ, करनेमें सौभाग्य मानूंगा । आशा है कि'यंग इंडिया' के पृष्ठोंमें शीघ्र ही आपके पत्रपर टिप्पणी दूंगा।'

हृदयसे आपका
मो॰ क॰ गांधी

एम॰एल्मर मॉड
अवैतनिक संगठन मंन्त्री
टाॅल्स्टाॅय सोसाइटी
चेम्सफोर्ड(इग्लैड)
अंग्रेजी (सी० डब्ल्यू० ४५१४) की फोटो-नकलसे ।
सौजन्य : एल्मर मॉड

३३. पत्र: एस्थर मेननको

आश्रम
साबरमती
१८ फरवरी,१९२८

रानी बिटिया,

तुम्हारे दो पत्र मुझे एक ही लिफाफेमें मिले। मुझे ऐसा लगता तो जरूर था कि तुम मुझे बिलकुल ही भूल गई हो; फिर भी मैं जानता था कि ऐसा नहीं हो

१.देखिए "टॉल्स्टॉय-शताब्दी ", १-३-१९२८ ।