पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 36.pdf/७०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३८
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

पालन करेंगे। चन्दा देनेवाले लोगोंको मैं यह सुझाव देता हूँ कि वे अपनी--अपनी रकम भेजकर ही सन्तोष न मान लें बल्कि अपने अड़ौसी--पड़ौसियोंसे भी जितना धन उगाह सकें उतना उगाह कर भेजें।

[ गुजरातीसे ]
नवजीवन, १९-२-१९२८

३६. बारडोलीके किसानोंसे

हिन्दुस्तानका ऐसा एक भी कोना नहीं है जहाँ स्वराज्यका नाम सुननेमें न आया हो और फिर भी जिसने वारडोलीका नाम तक न सुना हो। इसलिए बारडोली ताल्लुका द्वारा किये गये प्रत्येक काममें हिन्दुस्तानको विशेषता और वीरताकी आशा रखनेका अधिकार है। आप लोगोंने सत्याग्रहका अत्यन्त गम्भीर कदम उठाया है। इस सत्याग्रहको सफल बनाने में ही आपकी मुक्ति है। यदि आपने यह कदम न उठाया होता तो कोई भी आपको दोष न देता। किन्तु यदि एक बार कदम उठानेके बाद आप पीछे हटेंगे तो सारा हिन्दुस्तान हँसेगा। बारडोलीके मार्फत स्वराज्य लेनेकी जो लड़ाई शुरू की गई थी, वह मुल्तवी कर दी गई; इसमें तो कोई आपको दोष नहीं दे सकता। बारडोली ताल्लुकेसे दूरके स्थान में लोगोंने अविवेकपूर्ण काम किया और उसके कारण बारडोलीकी लड़ाईको मुल्तवी करनेकी सलाह दी गई, यह तो अच्छा ही हुआ। इसमें मुझे तनिक भी शंका नहीं है। किन्तु आपने उसके बाद खादी-प्रचार,अस्पृश्यता निवारण इत्यादिके सम्बन्ध में जो प्रतिज्ञा ली थी उसका जितना चाहिए था उतना पालन नहीं किया। इस प्रसंगमें आपको यह स्मरण कराना उचित लगता है। और आपकी इस शिथिलताके कारण मेरे मनमें यह शंका अब भी है कि आप अपनी इस बारकी प्रतिज्ञाके पालनमें कहतिक दृढ़ रहेंगे। मैं यह आशा करता हूँ कि आप अपने दृढ़ व्यवहारसे मेरी इस शंकाका निवारण करेंगे।

श्री वल्लभभाई पटेलने आपको खूब सजग कर दिया है। आपको लड़ाई में जिताना वल्लभभाईके हाथमें नहीं है। इसकी जीतकी चाबी तो आपकी जेबमें ही रखी है। वल्लभभाई फाँसीपर चढ़कर भी आपकी प्रतिज्ञाका पालन नहीं कर सकते। अपने मरे बिना स्वर्ग नहीं दीखता, इस कहावतके अनुसार आपको अपनी प्रतिज्ञाका पालन स्वयं ही करना होगा। आपकी लड़ाई सच्ची है इस सम्बन्धमें मुझे दो मत दिखाई नहीं देते। किन्तु यदि इसकी सचाईको सिद्ध करनेकी शक्ति आपमें नहीं होगी तो लड़ाई सच्ची होनेपर भी आप इसमें हार जायेंगे। यदि आप यह बात समझ लें तो केवल जमीनका लगान देनेके लिए ही उसे जोतनेकी अपेक्षा यदि लगान लेनेवाले आपकी जमीनको जब्त कर लें तो झगड़ा ही मिट जाये। यदि सरकार आपके साथ न्याय करना नहीं चाहती और आप उसके सम्मुख झुकेंगे नहीं और यदि सरकार आपका नाश ही करना चाहेगी तो वह आपको जेलमें नहीं भेजेगी, बल्कि वह आपकी सम्पत्तिपर हाथ डालेगी। जैसा उसने खेड़ामें किया था वैसा ही वह यहाँ भी