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रँग दिया है और पूर्वी क्षितिजके मेघोंको फूलोंके मनमोहक रंगोंको छटा दे दी है। पहाड़ियोंपर नीले और नीललोहित वर्णमें डूबी हुई स्वप्निल छाया फैली हुई है। उसके नीचे लहरों-सी चढ़ती-उतरती घाटी विश्रामकी तैयारी करती हुई-सी जान पड़ती है — दिन-भर घूमने-चरनेके बाद भेड़ें अपने-अपने झुण्डोंमें आकर मिल रही हैं; कपोत और बाज सभी गहरी निद्रामें डूब जानेकी तैयारी में हैं; किसानों और मजदूरोंके छोटे-छोटे झुंड पेड़ोंके सायेमें बनी अपनी-अपनी फूसकी कुटियोंमें लौट रहे हैं। . . . प्राकृतिक सौन्दर्यको गोदमें सबसे अलग-थलग बसी इस बस्तीके निवासी शीघ्र ही अपने-अपने बिस्तरोंपर विश्राम कर रहे होंगे, और तब जल्द ही रात्रिका आगमन होगा और वह पहाड़ी घाटी, जंगल-झाड़ सबपर एक मखमली अन्धकारकी चादर फैला देगी। . . . लेकिन अफसोस! अन्धकार बराबर दुःखी जनोंके लिए सुख-सान्त्वनाका सन्देश लेकर ही नहीं आता। उन्हें नींद कहाँसे आये? . . . कैसी व्यथा भरी जागृतिमें उनकी रातें कटती हैं, उसे दुनिया क्या जाने? . . . और बारडोलीके लोगोंने न जाने ऐसी व्यथा-भरी कितनी रातें आँखोंमें ही काट दी हैं। . . . लेकिन यह सोचकर मेरा मन उल्लाससे भर जाता है कि आजको रात, निरन्तर कई सप्ताह तक चलनेवाले उस तीव्र संघर्षमें जिन शूर-वीरोंका उत्साह कभी मन्द नहीं पड़ा, उनके लिए मधुर सपनोंका सन्देश लेकर आयेगी। जब सत्याग्रहीका काम पूरा हो जाता है तब उसे जो नींद आती है वह वास्तवमें देवताओंका वरदान होती है। क्या जर्मन दार्शनिकके ये शब्द आपको याद हैं: "अपने कर्मको ही युद्ध मानो और कर्म करने से प्राप्त होनेवाली शान्तिको विजय।" और बारडोलीमें यही हुआ। वस्तुतः यह शान्ति शान्ति तथा शान्तिपूर्ण साधनों की विजय है।
मैंने अभी-अभी आपके हृदयस्पर्शी और अत्यन्त सजीव शैलीमें लिखे 'दक्षिण आफ्रिकाके सत्याग्रहका इतिहास' के अंग्रेजी संस्करणका अन्तिम पृष्ठ समाप्त किया है। तभी डाकिया अखबार लेकर आया और उसमें मुझे बारडोली-समझौते — दोनों पक्षोंके लिए सम्मानजनक समझौतेका सुखद और चिरप्रतीक्षित समाचार देखने को मिला। जैसा कि मैंने कोई एक महीना पहले 'सरदार' वल्लभभाईको लिखा था, मुझे बराबर यही लगा है कि सत्याग्रह अपने गहरे और विशुद्ध अर्थमें — मेटरलिंकके शब्दोंमें — "विनयशील लोगोंकी निधि है"; जो झूठे मूल्यों और झूठे मानोंके पीछे नहीं भागते, बल्कि वास्तविकताओंसे सन्तुष्ट हैं। . . . आपका स्वप्न था कि बारडोली सत्याग्रहका एक सर्वांगपूर्ण उदाहरण बने। उससे जो अपेक्षा की जाती थी, उसे उसने अपने ढंगसे पूरा किया है और साथ ही आपके स्वप्नको एक व्याख्या दी है, पूर्णता प्रदान की है।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, २३-८-१९२८
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