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पत्र: एमा हार्करको

 

महादेवको रुपये ४५-१३-६ के बारेमें याद दिला दी गयी है। इसके सम्बन्धमें तुम्हें सुब्बैया लिखेगा। मैंने अभी तक मीठूबहनको पत्र नहीं लिखा है। लेकिन मैं उन्हें और रुपये ३७-४-० के बारेमें फूलचन्दको भी शीघ्र ही लिखूँगा। कसीदाके काम आनेवाले धागेके बारेमें काकासाहबसे कहूँगा।

यदि कलकत्तामें कोई खादी-प्रदर्शनी हुई तो तुम्हें यथासमय उसके बारेमें मालूम हो जायेगा।

अब मैंने तुम्हारी सारी बातोंका जवाब दे दिया। अब आना तो सिर्फ दो दिनोंके लिए नहीं आना।

श्रीमती पेरीन कैप्टेन
बम्बई

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३५०१) की माइक्रोफिल्मसे।

 

२५३. पत्र: एमा हार्करको

सत्याग्रहाश्रम, साबरमती
२८ अगस्त, १९२८

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला। आप आकर खुद आश्रमको देख सकती हैं। लेकिन मैं जानता हूँ कि आश्रमका जीवन आपको किसी भी रूपमें अनुकूल नहीं बैठेगा। जिन लोगोंका लालन-पालन आपकी तरह हुआ हो, उन लोगोंके लिए यहाँका जीवन बहुत ज्यादा कठोर और सादगी-भरा है। सच तो यह है कि यह उन लोगोंको भी कठिन मालूम हो रहा है जो एक लम्बे अर्सेसे यहाँ रह रहे हैं। फिर आश्रमका जीवन सतत शारीरिक श्रमका जीवन है।

हृदयसे आपका,

एमा हार्कर
२, बेलग्रेड टैरेस
कराची

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३५०२) की माइक्रोफिल्मसे।